Ghaziabad : रसूकदार हेयर स्टाइलिश जावेद हबीब पर (एफ.आई.आर.) होने के बाद भी कोई कार्यवाही एवं गिरफ्तारी अभी तक नहीं हुई हैँ।
*अफ़सोस जनक* : एक ब्यूटीशियन जो उत्तरप्रदेश के बागपत (बड़ौत) में ब्यूटी पार्लर की संचालिका पूजा गर्ग के सर पर कोविड के समय खुलेआम थूक कर, उसके पति के सामने सर पर थप्पड़ मारकर अपमान करा गया था। ओर फिर उसको जावेद हबीब द्वारा मज़ाक बताकर टीवी के सामने माफ़ी मांग ली जाती है। अपको बता दे की अब श्री कांत त्यागी को गालीबाज नाम से पुकारा जा रहा है। जब की जावेद हबीब अपनी हेयर कटिंग की सेमिनार आदि में सैकड़ो ब्यूटीशियन के सामने गन्दी टिप्पणी (नॉनवेज) बोलता नज़र आ जायेगा। जो की सबूत के तोर पर आज भी वीडियो आदि में रिकॉर्ड है। जावेद हबीब भद्दा-गन्दा मज़ाक आदि कर हमारे देश की महिलाओं का अपमान सालों से करता आया हैँ। तो क्या हम जावेद हबीब को (मीठा गालीबाज) बोल कर पुकारे?
*श्री कांत त्यागी* : गालीबाज श्रीकांत त्यागी ने एक महिला का अपमान किया तो 25000/- का इनाम घोषित कर, उसके घर में बुलडोजर तक चला दिया। जिसमे की जावेद हबीब एक चतुर बिजनेसमैन है, अपना नुकसान होते देख उसने तुरंत टीवी के सामने माफ़ी मांग लिया, थूक की बात को मज़ाक में कारण बता कर मीडिया से पीछा छुड़ा लिया। जावेद हबीब जैसे कार्य तो श्री कांत त्यागी भी कर सकता था। मज़ाक में एक महिला को धक्का ओर गली दिया। परन्तु उसने ऐसा नहीं किया।
*फर्क देखे*: ऐसे रसूकदार जावेद हबीब जैसे लोगों से सरकार आदि कितना भयभीत रहती है। क्या बागपत में रहने वाली महिला के मानवअधिकार नोएडा में रहने वाली महिला से कम हैँ? योगी आदित्यनाथ राज्य के अभिभावक जी बताए आखिर आपके शासन में महिलाओं को लेकर इनता भेदभाव क्यों किया जा रहा हैँ। जब की हिंदूवादी बीजेपी पार्टी सत्ता में हिंदू वोटर्स से उ.प्र. राज्य में आती है, तभी जावेद हबीब द्वारा हिंदू देवी-देवता को पोस्टर जारी कर बोलते है। मेरे पास तो देवी माँ से लेकर सभी भगवान बाल कट कराने आते हैँ। जब ऐसा मामला हुआ तो कुछ हिंदू संगठनो ने जावेद हबीब के खिलाफ हिंदू देव -देवता के अपमान के मामले में गाज़ियाबाद के इंद्रापुरम थाने में तहरीर दे एफ आई आर दर्ज किया गया, तो जावेद ने एक दाब खेल दिया, तुरंत बीजेपी जॉइन कर अपने आप को हिंदू सगठनों से बचा लिया। ओर बोल दिया गया की कोलकाता की जावेद हबीब द्वारा यह पोस्टर जारी हुआ है मेरे द्वारा नहीं हुआ "वहा रे! चतुर इंसान"
*मुहीम*: अगर महिला का अपमान भारत के लोग आज भी मानते है, तो जावेद हबीब का विरोध कर पूजा गर्ग को इंसाफ दिलाने का काम करे। अपने देवी-देवताओं का अपमान का विरोध करे। लेकिन ऐसा कभी नहीं होगा, क्यों की नाम ओर रसूक का फर्क साफ देखा जा सकता है।
रविंद्र आर्य सामाजिक कार्यकर्ता
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