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""जी हाँ यही तो प्यार हैं""

Ghaziabad : मिलकर खुशी से आंसू छलके,
देख जिसे तन के रोएं फडके,
जाते जाते देखे वो मुड मुड के,
प्यार जताए, जो लड़ लड़ के,
मिलना चाहे,पर करती इंकार हैं,
जी हाँ यही तो प्यार है।।

अकेले मन ही मन मुस्कराए,
बिछड़ ना जाएं, दिल घबराए,
देखे खुद को,खुद से शर्माए,
रूठे फिर सोचे, वो मुझे मनाए,
बात बात पर करतीं तकरार है,
जी हाँ यही तो प्यार है।।

हर दम सोचे मन ही मन,
न्यौछावर उस पर तन मन धन,
देख उसे खिल जाए मन उपवन,
प्रभु से कर कर वंदन,
खुश रहे हर पल हर दम,
मेरे लिए करती जो श्रंगार है,
जी हाँ यही तो प्यार है।।।

"लेखक"
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नरेंद्र राठी
सदस्य
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी।

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