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"भारत " तेरा नाम रहेगा"

""स्वतन्त्रता दिवस पर विशेष कविता--:--
"भारत" तेरा नाम रहेगा"
फौजी "भारत" की होते ही शादी,
मिला उसको एक समाचार, 
युद्ध का शंखनाद हो गया है, 
जल्दी आओ होकर तैयार,
पत्नी से बोला भारत,
हे प्राण प्रिय मुझको जाना होगा,
उस माँ का फर्ज निभाना होगा,
तु चिंता तनिक ना करना,
माँ बापू की सेवा करना,
माता पिता को कर प्रणाम,
लिया जीतने का आशिर्वाद,
दिख न जाऊँ पति को मै परेशान,
विदा करते होटो पर थी मुस्कान,
सीमा पर पहुंचा वो जवान,
गया मोर्चे पर,थामी कमान,
रात के घने अंधेरे मेें,
आई गोली की आवाज,
हुआ सतर्क वो जाबाज
फायर खोलकर दिया जवाब,
दुश्मनों ने लिया था घेर,
चलाई गोली दनादन,
सबको किया वहीं पर ढेर,
भारत माँ की जय बोलता,
फिर से फायर खोलता,
आकर लगी उसको एक गोली,
फिर भारत माँ की जय बोली,
घायल शेर की तरह दहाड़ता,
आगे बढ़, एक एक को  मारता,
भाग गए सब दुश्मन डरकर,
गिर गया वो सरजमीं पर,      
तिरंगा भारत का सीमा पर फहराकर, 
भारत हो गया शहीद वतन पर,
तिरंगे में वो लिपटकर,
पहुंच गया वो अपने घर पर,
पत्नी की निकली चीत्कार,
अपने को रही संभाल,
माँ बापू की पथराई आंखे, 
एकटक बेटे को रही निहार,
बापू बोला थोड़ा सम्भलकर,
गुस्से मे वो थोड़ा भड़ककर, 
"भारत" बेटा था मेरा एक,
भेजता उनको भी सीमा पर,
बेटे होते अगर अनेक,
चौड़ा हो गया सीना मेरा,
जब मैने खबर यह पाई,
पीठ पर नहीं खाई बेटे ने, 
गोली सीने पर है खाई,
उठी घर से उसकी लाश,
गूंज उठा धरती आकाश,
जब तक सूरज चांद रहेगा,
"भारत" तेरा नाम रहेगा।।।
लेखक 
नरेंद्र राठी

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