Ghaziabad : सामाजिक कार्यकर्त्ता रविंद्र आर्य द्वारा दिनांक 13 सितंबर को जिला गाजियाबाद के लोनी नगरपालिका के उपजिलाधिकारी संतोष राय एवं तहसीलदार शिव नरेश सिंह को मुलाक़ात कर आवेदन पत्र दिया गया। आवेदन पत्र का विषय भू-जलदोहन सम्बंधित लोनी क्षेत्र में अबैध आर ओं प्लांट एवं वॉटर टैंकर की सप्लाई था। आर्य ने प्रशासन को आगवत कराया की गाजियाबाद मोहन नगर के लोनी रोड से लेकर टेरोनिका सिटी एवं दिल्ली बॉर्डर तक जलमाफियों का जाल फैला हुआ है। और तो और जिसे देश की सबसे बड़ी नगरपालिका के नाम से जाना जाता है। वही उपजिलाधिकारी के क्षेत्र नगरपालिका परिसर कार्यालय के आस-पास जलमाफियों की वॉटर टैंकरों द्वारा आर ओं वॉटर की खुलेआम सप्लाई है। ट्रॉनिका सिटी के दी एलियन कोर्ट के अप्पार्टमेन्ट के फ्लैटों में भी वॉटर कैन की भरपुर सप्लाई देखी जा सकती है।
जल संरक्षण के महत्व पर भी ध्यान केंद्रित करते हुए महत्वपूर्ण बिंदु शासन सुनिचित करें की
"भू-जल विभाग द्वारा हर जिले में 'भूजल सेना' के गठन का फैसला हो"।
*लापरवाही* : लोनी के आमजन द्वारा बताया जाता है की लोनी में करीब 300 अबैध आर ओ प्लांट है जों की खुलेआम लोनी क्षेत्र मे सुचारु रूप से चालू है। इसी कारण दिल्ली से सटा लोनी में जलस्तर घटता जा रहा है। अधिनियम 2019 भु-जलदोहान एक्ट का उल्लंघन के कारण "उत्तर प्रदेश के जिलो में भी तेजी से भू-जल का स्तर गिरता जा रहा है। एक्ट का पूर्णरूप से पालन ना होना ही इसकी वजह भू-जल का अधाधुंध दोहन है" लोनी क्षेत्र में पूर्ण रूप से भू-जलदोहन पर रोक लग सके, इसका समाधान हेतु रविंद्र आर्य ने जलमाफियों की गुप्त सूची प्रशासन की दिया।
*जलदोहन व्यवसाय* : लघु सिचाई विभाग के नोडल अधिकारी होरिओम का कहना है की भू-जलदोहन सम्बंधित व्यवसाय करना, अधिनियम उ.प्र. 2019 एक्ट का उलंघन है। जिसमे एक्ट के अनुसार एनओसी का प्रावधान ही नहीं है। भू-जलदोहन करने वाले उत्तर प्रदेश का अधिनियम लखनऊ 7 अगस्त 2019 एक्ट जल्दोहन एक्ट के अंतर्गत आते है। परन्तु आमजन व्यवसाय कर भूगर्भ से खुलेआम जलदोहन कर उ.प्र. 2019 एक्ट का उल्लंघन कर रहे है।
*शर्मनाक* : बात करें तो हम जलदोहन करने के ऐसे-ऐसे स्त्रोत है, जिनके पास ना तो कोई एनओसी है ना ही हार्वेस्टिंग बोरिंग सिस्टम है। जैसे- 1, कार वाशिंग सर्विस सेंटर. 2, स्विमिंगपुल. 3, आर ओ प्लांट. 4. वॉटर टैंकर आदि है।
बता दे की कार वाशिंग सेंटर ओर अबैध आर ओ प्लांट अनगिनत सैकड़ो की तादात में खुलेआम जगह-जगह गली-मोहल्लो में देखे जा सकते है, फिर स्विमिंग पुल और ग्रामीणों क्षेत्र में होदिया (मिनी स्विमिंग पुल) जल माफियाओं ने नहाने का धंधा भी बना रखा है। जिसको बिना अनुमति व्यवसाय बनाकर जलदोहन का यह कार्य खुलेआम प्रशासन सामने है। जो कि भूगर्भ से जलदोहन कर धरती को खोखला करते जा रहे है।
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