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कवि महा कुम्भ का आयोजन किया

Ghaziabad : मुकुट मेमोरियल चैरिटेबल ट्रस्ट के तत्वावधान में आजादी के अम्रत महोत्सव  को 28 अगस्त दिन रविवार को कवि महा कुम्भ का आयोजन किया गया क्रिस्टल पैलेस होटल एंड बैंक्वेट सेक्टर 16 a प्लाट 2163 वसुंधरा गाज़ियाबाद प्रातः 11 बजे से प्रारंभ हुआ 
ट्रस्ट के चैयरमेन प्रशांत गुप्ता ने बताया कि पिछले दो साल करोना    
के भेंट चढ़ गये
अब ट्रस्ट ने कबि सम्मेलन का आयोजन किया जिस से जनमानस में नए विचारों का जन्म हो हताशा और नकारात्मक विचारों से दूरी हो 
आज सभी कवि ने महत्वपूर्ण विषयों पर अपनी बात रखी
कार्यक्रम में ट्रस्ट की तरफ से चाय, जलपान और भोजन की व्यवस्था स्रोताओं और कविगण सब के लिये किया गया आज इस आयोजन को सफल बनाने में ट्रस्ट के सदस्य प्रशांत गुप्ता , राजेश श्रीवास्तव, अजय उनियाल, सुनिल गुप्ता पूर्व पार्षद, संदीप गुप्ता, सावन गोयल, प्रशांत सरैया,लोकेश चौधरी, रेणु अग्रवाल, नरेंद्र त्यागी, सचिन श्री भगवाना, निर्मल गिरी, नाजिम, पूनम, आदि सदस्यों ने अपना सहयोग प्रदान किया
ट्रस्ट के चैयरमैन प्रशांत गुप्ता ने बताया कि कवि सम्मेलन में कवियों ने ये कहा
मंच का संचालन श्री पंडित साहित्य कुमार चंचल जी के दुवारा किया गया
 मुख्य अतिथि ताबिश खेरवादी
विशिष्ट अतिथि अनिमेष शर्मा
कार्यक्रम की अध्यक्षता
की जे पी रावत
अति विशिष्ट अतिथि टीवी फ़िल्म कलाकार जुबेर सनम खान
1 आप आएं कभी बिन बुलाए यहां 
दिल के मेहमा बनें तो क्या बात हो
यूं सितारों से रोशन हुआ आसमां
आप महताब बनें तो क्या बात हो
डॉक्टर इला जैसवाल
2 मैं लोगों को हँसा दूँ तो पुष्प वर्षा हो जाती है।
मेरी माँ शारदे की बस यूँही पूजा हो जाती है।।
सरिता शर्मा
3 मैं सविता सिंह 'शमा' रहती रश्मियों के समूह में
जिस से भी मिल जाऊं बस उतर जाती हूं रूह में
4 मैं फक्र से लहराते हुए तिरंगे की शान लिखता हूं ,
राष्ट्र रक्षा में होता हुआ सैनिक कुर्बान लिखता हूं |
मैं परिचय के मोहताज व्यक्ति का स्वाभिमान लिखता हूं ,
 अंतरात्मा की आवाज का संविधान लिखता हूं |                     
साहित्य  चंचल- 
5 आन तिरंगे पे
लेकर के तिरंगा हम, जब जब चले होंगे
दुश्मन के सीने में, तब शूल अड़े होंगे।
6 प्रोफ़ेसर कमलेश संजीदा, गाज़ियाबाद
दुनिया से हर गुनाह की मुझको सज़ा मिली
हालांकि मैं गुनाहों में शामिल नहीं रहा
"अनिमेष"
7 काश की कोई ऐसा दिन भी आ जाए! 
हाथ में हो तिरंगा और दम निकल जाए!! इंद्रजीत सुकुमार
-पारो चौधरी वसुंधरा गाजियाबाद
8 प्यार ने जो कहा प्यार सुन ले अगर,
 जिंदगी को नया मोड़ मिल जाएगा।
शालिनी मिश्रा- गाज़ियाबाद।
9 "गा रहा हूँ गीत मैं तिरंगा महान के लिए, वीरों ने जान दी जिसके सम्मान के लिए" सतीश दीक्षित
10 ज़िन्दगी तुझको यूं जिया मैंने
दिल ग़मों का  दुखा दिया मैंने
दिल पर जितने भी ग़म के पत्थर थे
फूल सबको बना दिया मैंने
सुप्रिया सिंह वीणा गाजियाबाद
11 येआंखें राज दिल का क्या कहूं सब खोल देती हैं
छुपा लो चाहे तुम जितना आंखें बोल देती है
गुजर जाते हो जब भी पास से चुपचाप तुम मेरे
जुबा खामोश हो बेशक नजर सब तोल देती है,,,
सीमा सागर शर्मा,,,
12 मैं लोगों को हँसा दूँ तो पुष्प वर्षा हो जाती है।
मेरी माँ शारदे की बस यूँही पूजा हो जाती है।।
सरिता शर्मा
13 याद आई है तेरी रूठ के जाने वाले,
आ भी जा लौट के ऐ ख़्वाब में आने वाले!
( ताबिश खैराबादी )
14 ये आँधियों को बहुत बेलगाम कर देंगी
तुम्हारी चुप्पियाँ तुमको गुलाम कर देंगी
अभी है वक़्त हवाओं को साफ़ कर तुम 
ये वरना साँस भी लेना हराम कर देंगी
सुन्दर सिंह
दिल्ल
15 मैंने तुमसे प्रेम किया है, पीड़ा की तुम गेह न देना 
मैंने तुमको नेह दिया है, तुम मुझको संदेह न देना
मीनाक्षी दिनेश कुमार

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