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गाजियाबाद को अबैध धंधों का अड्डा नहीं बनने दूँगा, जिला प्रशासन मौन : रविंद्र आर्य

"नशाखोरों", "गऊतस्करों-गैंग", सट्टेबाजों" ओर "जलमाफिया" पर अंकुश लगाने मे जिले का प्रशासन अभी तक नाकाम रहा है
 गाजियाबाद :  सामाजिक दृष्टि से जनमानस हेतु निस्वार्थभाव से कार्य करते हुए एक लेखक एवं सामाजिक कार्यकर्ता को खुलेआम अबैध धंधों वाले गैंग ने जान से मारने की धमकी दे डाली। बताते चले की इसका कारण क्या रहा की अबैध धंधों वाले गैंग इस तरह बदमाशी पर उतर आये।

*नाकामयाबी*: "नशाखोरों", "गऊतस्करों-गैंग", "सट्टेबाजों" एवं "जलमाफिया" पर अंकुश लगाने मे जिले का प्रशासन अभी तक नाकाम रहा है। हालत यहाँ तक है की पुलिस के सामने अबैध धंधों होते रहे, जिस पर वह अभी तक पूर्ण रूप से लगाम नहीं लगा पायी है। आलम यह है की पैसो के दम पर आज लेखक की कलम को तोड़ने की कोशिश पुरजोरों पर है। ऐसा ही मामला देखने को जब मिलता है,जब कोई सामाजिक कार्यकर्ता अबैध धंधो को पोल-पट्टी लगातार खोलता जा रहा है। जिस कारण अबैध कार्य करने वालो को यह सब गवारा नहीं लग रहा था। जिससे तनाब में आकर, ताब में जान से मारने की धमकी तक दे डाली।

*गऊतस्कर*: जिले में कनावली गांव ओर सिद्धार्थनगर गऊ-तस्करों का गैंग पुलिस प्रशासन अभी तक पड़कने मे असफल रही है। सिद्धार्थनगर आज भी एनसीआर रीजन का गऊतस्करों का गढ़ है। जिसमे एक गऊशाला का ग्रुप गऊतस्करी करने मे आज भी सक्रिय है। जब की सामाजिक व्यक्ति द्वारा मौके पर गवाहों के वॉइस रिकॉर्डिंग ओर सूत्रों द्वारा बहुत से सबूत गुप्त तरीके से पुलिस प्रशासन दिया जाता रहा है। जान-जोखिम मे डालकर बिना भयभीत हुए कोई व्यक्ति प्राइवेट बॉडी बनकर सबूत इकठ्ठा करने के बाबजूद भी पुलिस प्रशासन एक सामाजिक कार्यकर्ता की बातो को हलके मे लेकर तोला गया। जिससे अबैध धंधों असामाजिक तत्वों के हौसले बढ़ते गए जिसमे जलमफियों एवं सट्टेबाजों का एक गैंग द्वारा गोली से मार देने की धमकी दे डाली।

*जलमाफिया*: जिले के आमजन ओर जनमानस सभी यह जानते होंगे की दिल्ली ओर नोएडा बॉर्डर के करीब खोड़ा कॉलोनी का भू-जलस्थर लगभग ख़तम की कगार पर है। वहाँ तमाम बोरिंग फ़ैल हों चुके है। इसका मुख्य कारण भू-जलदोहन रहा है। जों की खोड़ा के आस-पास अबैध आर ओ प्लांट, स्विमिंग पुल एवं कार वाशिंग सेंटर रहे है।आज भी वहाँ जल माफियाओं का कब्ज़ा है, जिले भर मे लोनी, साहिबाबाद ओर गा.बाद सिटी में लगभग 2000 अबैध आर ओं प्लांट और सैकड़ो की तादात में कार वाशिंग सेंटर है। प्रशासन की विफलता यहां दिखाती है की हम भू-जलदोहन रोकने मे असफल रहे है। रविंद्र आर्य का कहना है की जल समस्या बोली जाने वाली खोड़ा कॉलोनी जैसा हाल जिलेभर में भू-जलदोहन कर रहे, जलमाफियों का अड्डा नहीं बनने देगे। वह अपने प्रयासों द्वारा अंकुश लगाने का प्रयास करते रहेंगे। 

*नशाखोरो*: पंजाब से भी सस्ता नशा एनसीआर मे नशे के कारोबारियों के लिए दिल्ली एनसीआर पसंदीदा जगह रही है। जिले गा.बाद पर सूखा नशा बेचने वालो मादकासक्ति का पूर्ण रूप से कब्जा है। जों की सालों से बेखौफ होकर अब नाबालिक बच्चों को नशा बेचने पर प्रयोग कर रहे है। जिससे नशा बेचने वाला संचालक बच निकल भागता है। और नाबालिक बच्चे मादकासक्ति सूखा नशा के आदि हो गए है। जैसे- ओमीनी फ्लूड ओर भोला का मुंक्का जों भाँग की गोली आदि है। जों की बच्चों के लिए शुरूआती नशे है। रविंद्र आर्य का कहना है की गा.बाद जिले को मै पंजाब नहीं बनने दूँगा। ओमीनी फ्लूड ओर भोला मुंनका को उत्तर प्रदेश से बैन करने की मांग करूँगा।

*शासन*: इसी कारण सामाजिक कार्यकर्त्ता एवं लेखक रविंद्र आर्य अब वर्तमान में उत्तर प्रदेश स्वतंत्रत प्रभार राज्य मंत्री नरेंद्र कश्यप से मुलाक़ात कर उनके द्वारा तमाम शिकायत एवं अबैध घंधों की सूची प्रदेश स्तर पर शासन एवं जिले स्तर पर प्रशासन दोनों को भेजी जाएगी। अब समय आ गया है की अबैध धंधे पर जिला प्रशासन योगीजी के दरबार लखनऊ जाकर शासन को आगवत कराना होगा की जिले का नाकामी इस कदर है की अबैध धंधे वालो ने सामाजिक कार्यकर्ता को खुलेआम धमकी दे डालते है।

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