इसी कड़ी में नवनियुक्त जज बनने वाली इस होनहार बेटी की हौसला अफजाई करने के लिए गाजियाबाद नगर निगम के पूर्व मेयर और भाजपा महानगर मीडिया संयोजक प्रदीप चौधरी भी उनके घर पहुंचे और उन्हें मिठाई खिलाकर बधाई दी। वहीं दूसरी तरफ जनरल वीके सिंह ने भी इस होनहार बेटी के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए फोन पर बधाई दी।
उत्तर प्रदेश के जिला गाजियाबाद के लोनी क्षेत्र के गांव निस्तौली में जन्मी अनामिका डागर ने बताया कि उनके पिता सुभाष नगर साधारण किसान हैं। उनकी मां ललिता देवी ग्रहणी है। नवनियुक्त जज अनामिका डागर ने बताया कि वह चार बहन भाई है उनकी बड़ी बहन सोनिका डागर शादीशुदा हैं और यह दूसरे नंबर की है इनके दो छोटे भाई अंशु डागर एवं कृष डागर हैं।
इनका एक मुंह बोला भाई सुशांत नगर जिसे यह बचपन से राखी बांधती आई हैं। इनके जज बनने में सबसे ज्यादा योगदान सुशांत नागर और उनकी मां का रहा है। अनामिका डागर ने बताया कि उन्होंने स्कूल की शिक्षा नवजीवन इंटर कॉलेज उत्तर प्रदेश यूपी बोर्ड से ग्रहण की है। जबकि b.a. की पढ़ाई एलआर कॉलेज साहिबाबाद और एलएलबी की पढ़ाई एमएमएच कॉलेज गाजियाबाद से पूरी की है। पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने एल एल एम मेरठ कॉलेज से पूरी करते हुए जुडिशरी की तैयारी की।
अनामिका डागर ने बताया कि 2020 में उन्होंने जुडिशरी की परीक्षा दी जिसका परिणाम 2022 मैं 10 अक्टूबर को आया और उन्होंने इस परीक्षा में 16 वीं रैंक सिविल जज के रूप में हासिल की है। बड़ी बात यह है कि बिहार में वह पहली रैंक पर आई हैं। नवनियुक्त जज ने बताया कि उन्होंने इस मुकाम को हासिल करने तक किसी तरह की कोई कोचिंग नहीं की है खुद ही रात और दिन पढ़ाई कर "excuse and success not go together" को मूल मंत्र मानते हुए यह मुकाम हासिल किया है।
अनामिका डागर का कहना है कि बचपन से ही उनकी यह इच्छा रही है। कि वह देश सेवा और वंचितों को न्याय दिलाने का कार्य करेंगी। उन्होंने बताया कि जब वह इस तरह की बात अपने घर वालों के सामने करती थी, तो घर वालों को भी उनकी बात पर यकीन नहीं हो पाता था।क्योंकि उनके पिता साधारण किसान हैं और मां गृहिणी है। लेकिन उन्हें अपनी मेहनत पर पूरा विश्वास था जो वह अब सफल हो गया। उन्होंने कहा कि हालांकि यहां तक पहुंचने के लिए उन्हें तमाम परेशानियों का भी सामना करना पड़ा है।
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