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आज देश में संवैधानिक संस्थाएं लगातार कमजोर की जा रही है लोकतंत्र की दीवारें दरक रही :रामदुलार यादव

आज देश में संवैधानिक संस्थाएं लगातार कमजोर की जा रही है लोकतंत्र की दीवारें दरक रही :रामदुलार यादव
प्रकाशनार्थ

Ghazibad: 12 अक्टूबर 2022 को ज्ञानपीठ केंद्र पर 1 स्वरूप पार्क जी.टी रोड साहिबाबाद के प्रांगण में समाजवादी आंदोलन के नायक, स्वतंत्रता सेनानी, पिछड़ों, कमजोर वर्गों, दलितों की आवाज डॉ राम मनोहर लोहिया की पुण्य तिथि कार्यक्रम की अध्यक्षता समाजवादी चिंतक शिक्षाविद रामदुलार यादव ने किया आयोजन इंजीनियर धीरेंद्र यादव ने संचालन अनिल मिश्रा श्रमिक नेता ने किया। कार्यक्रम को प्रमुख वक्ताओं ने संबोधित किया समारोह में शामिल सभी गणमान्य साथियों ने डॉक्टर लोहिया के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें स्मरण कर श्रद्धांजलि दी जे एन शर्मा, एसपी छिब्बर, विनोद त्रिपाठी ने भी विचार रखे।

मुख्य वक्ता रामदुलार यादव संस्थापक अध्यक्ष लोक शिक्षण अभियान ट्रस्ट ने डॉक्टर लोहिया के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उन्होंने अन्याय, अत्याचार, शोषण के विरुद्ध जीवन भर संघर्ष किया। उनका मानना था कि कमजोर के साथ हो रहे अत्याचार पर उसके साथ तन कर खड़े हो जाना तथा अन्यायी को करारा जवाब देना जिससे वह जूल्म करने की जुर्रत ना करें समाजवादी की पहचान है उन्होंने भारत को आजादी दिलवाने में लाहौर जेल में लोकनायक जयप्रकाश के साथ अमानवीय यातनाएं झेली उनके हाथ की उंगलियों में बांस की नुकीली पत्ती ठोक देना, सोने ना देना, डंडे फटकारना आम बात थी जब भारत आजाद हुआ तो डॉक्टर लोहिया ने राजनीति में शुचिता नैतिकता, सद्भभाव सभी को न्याय मिले प्रबल पक्षधर थे। जब वह लोकसभा में चुनकर गए तो उन्होंने कहा कि जो सपना स्वतंत्रता सेनानियों क्रांतिकारियों ने देखा था वह क्रांति कैद हो गई है। उन्होंने कहा कि सिंहासन और व्यापारी संबंध भ्रष्ट, दूषित और बेईमान हो गया है, ज्यों ज्यों मंत्री जी ऊंचे ओहदे पर पहुंचते हैं त्यों त्यों बेटाजान की आमदनी हजारों गुना बढ़ जाती है। भ्रष्टाचार गंगोत्री में है गंगा के मैदान को साफ करने से कोई लाभ नहीं उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी का युग सादगी और कर्तव्य परायणता का युग था आज फैशन और विलासिता का युग है हम सच्चे मार्ग और कर्तव्य पथ से भटक गए हैं, आज वर्तमान में आजादी के 75 साल बाद भी स्थिति में अधिक परिवर्तन नहीं हुआ है महंगाई आसमान छू रही है बेरोजगारी 45 साल के नीचे के स्तर पर करोड़ों लोगों के सामने रोजी रोटी का संकट है, भ्रष्टाचार का दंश पूरा देश झेल रहा है आज इस व्यवस्था को बदलने की आवश्यकता है डॉ लोहिया ने प्रधानमंत्री को नौकर और संसद को शक्तिशाली माना उन्होंने कहा कि सांसदों के साथ सामंती व्यवहार नहीं करना चाहिए। हम आज तक दास ही बने हैं हम स्वामी नहीं बन पाये हजारों साल से हम गुलाम हैं स्वतंत्र होने के बाद भी हम अपनी स्थिति में सुधार नहीं कर पाए।
कार्यक्रम में डॉक्टर राम मनोहर लोहिया के चित्र पर पुष्प अर्पित करने वाले प्रमुख रहे सीपी सिंह, एसएन अवस्थी, जय नारायण शर्मा, डॉक्टर देवकरण, विनोद त्रिपाठी, संजू शर्मा, बिंदु राय, रेनू पूरी, ओमप्रकाश अरोड़ा, रामजन्म यादव, फूलचंद पटेल, सम्राट सिंह यादव, रामकरण जयसवाल, हरेंद्र यादव, हाजी मोहम्मद सलाम, हरीश ठाकुर, हरीकृष्ण, अमर बहादुर, सुभाष, सुरेश भारद्वाज, राजीव गर्ग, दिवाकर, प्रभा शंकर मिश्रा, इंद्रजीत, चुन्नीलाल चौरसिया, अमृतलाल चौरसिया, लक्ष्मीनारायण सहगल, चंचल सहगल आदि।

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