गाजियाबाद : श्रद्धांजलि उन सभी बेकसूर सिखों को जिन का कत्ल कर दिया गया 1 नवंबर सन 1984 को उनका कसूर सिर्फ इतना था कि वह सिख थे
इंसाफ के लिए लड़ाई लड़ते-लड़ते हार गए हम दोस्तों
सरकारे बदलती रही घोषणा ही होती रही दोस्तों
हर सरकार बदलने पर लगा अब इंसाफ जरूर मिलेगा
मगर सरकारें सिर्फ भाषण ही देती रही बड़े-बड़े मंचों से
साल दर साल गुजरता रहा 1984 से 2022 भी आ गया
38 साल गुजर गए मगर जख्म आज भी हरा है
जो दिल्ली में बैठ सिखों के बीच हमदर्द बन आते हैं
इंसाफ जरूर मिलेगा कहते हैं अखबार टीवी पर फोटो छपवाने के लिए
भुला भी तो नहीं पाते अपनों के गम जख्म हमारे आज भी ताजा है
जब तक एक भी सिख धरती पर रहेगा हर साल इंसाफ की मांग करता रहेगा
सरदार मनजीत सिंह
आध्यात्मिक एवं सामाजिक विचारक
परमात्मा की राह
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