किन्तु समिति व समस्त ग्रामवासियों के सहयोग से इस बार वाल्मीकि जयंती को बड़े ही धूमधाम से मनाया गया साथ ही समिति के पदाधिकारियों ने अपने क्षेत्र के पार्षद हिमांशु चौधरी का भी इस यात्रा मे सहयोग के लिए विशेष धन्यवाद किया व मंच पर पार्षद हिमांशु चौधरी को माला पहना कर सम्मानित भी किया वही पार्षद जी ने लोगो को सम्बोधित करते हुए बताया की पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब श्रीराम ने माता सीता का त्याग किया था। इस दौरान वह कई वर्षों तक वाल्मीकि आश्रम में रही थीं। यही कारण है कि माता सीता को वन देवी भी कहते हैं। कार्यक्रम में सामाजिक संगठन के अध्यक्ष संजय धीगान, चेयरमैन ओमप्रकाश चंदेलिया, सचिव दयाचंद व अन्य सदस्य पारस वाल्मीकि, सम्मी गहलोत, संजीव, नरेश कुमार सहित ग्राम निवासी लोकेंद्र चौधरी, काले धामा, विशाल झा, सचिन राघव, धर्मेंद्र कुमार, कुणाल कुमार और जोगिंदर सिंह उपस्थित रहे।
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