गजियाबाद: लोक शिक्षण अभियान ट्रस्ट द्वारा सिख पंथ के संस्थापक गुरु नानक देव महराज जी का प्रकटोत्सव का आयोजन ज्ञानपीठ केन्द्र 1, स्वरूप पार्क जी0टी0 रोड साहिबाबाद के प्रांगण में आयोजित किया गया, कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ड़ा0 विशन लाल गौड़ पूर्व प्राचार्य अतर्रा महाविद्यालय रहे, मुख्य वक्ता शिक्षाविद राम दुलार यादव संस्थापक/अध्यक्ष रहे, अध्यक्षता जगतार सिंह भट्टी ने की, विद्वान सभापति शास्त्री भी कार्यक्रम में शामिल रहे, संचालन अनिल मिश्र ने किया| कार्यक्रम में सभी गणमान्य विद्वानों, भाई-बहनों ने गुरु नानक देव जी महराज के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हे स्मरण किया, तथा उनकी शिक्षाओं पर चलने का संकल्प लिया| आयोजन इंजी0 धीरेन्द्र यादव ने किया|
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शिक्षाविद राम दुलार यादव ने कहा कि गुरु नानक देव जी महराज के बारे में कहा जाता है कि “सतगुरु नानक प्रकटया मिट्टी धुंध जग चानण होया” इसका तात्पर्य है कि देश, समाज में व्याप्त असमानता, छुवाछूत, उंच-नीच, रूढ़िवाद, धार्मिक पाखंड, जातिवाद, अहंकार, शोषण को अंधकार माना, तथा सारा जीवन इस अन्याय, अत्याचार, को मिटाने के लिए तथा समाज में प्रेम, सद्भाव, भाईचारा, त्याग कि भावना को चानना प्रकाश फैलाने का काम किया, उन्होने कहा कि “एक नूर ते जब जग उपजै, कौन भले, कौन मंदे” कोई न छोटा है, न बड़ा है, सभी बराबर है, हमे जरूरतमन्द, पीड़ित, शोषित, वंचित की मदद करनी चाहिए, हमे उनके प्रति करुणा, दया, रखनी चाहिए, जिन्हे सामंतवादी व्यवस्था ने दुख दिया| विनम्रता मानव का सबसे बड़ा गुण है, नम्रता को कभी न छोड़ें| आज 21 वीं सदी में भी हम रूढ़िवाद, धार्मिक पाखंड, जातिवाद और अनाचार, अत्याचार, शोषण के शिकार है, समाज में नफरत, असहिष्णुता का वातावरण बन रहा है, गरीबी-अमीरी की खाईं बढ़ती जा रही है, अशिक्षा फ़ैल रही है, चिकित्सा की हालत देश में इतनी खराब है कि गरीब आदमी को मिल ही नहीं पा रही है| हम यदि गुरुओं के बताए रास्ते पर चलकर सबको समान समझेंगे, तभी उनके प्रति हम कृतज्ञ होंगें|
वीरेन्द्र यादव एडवोकेट ने कहा कि “मानवता एवं समाज के वंचित, पीड़ित, अंतिम व्यक्ति की सेवा का संदेश गुरु नानक देव जी महराज ने दिया, हम आडंबर, पाखंड में भगवान को ढूंढ रहे है, वह आप के हमारे अंदर है| सेवा, त्याग, बलिदान से ही हम शोषण मुक्त समाज बना सकते है, यही ईश्वर की सेवा है|
मुख्य अतिथि ड़ा0 विशन लाल गौड़ ने कहा कि “दुनिया में जितनी भी समस्या है वह मानव निर्मित है” मनुष्य ही सबसे अधिक हिंसक प्राणी है, वह दूसरों का हक मारता है, नफरत, उंच-नीच, जातिवाद और पाखंड फैलाने का कार्य करता है, गुरु नानक देव ने इसे पहचाना, सेवा और समर्पण की भावना से कार्य करने पर बल दिया|
सरदार जगतार सिंह भट्टी ने अध्यक्षीय उद्बोधन में सभी को गंगा स्नान, गुरु नानक देव जी महराज के गुरु पुरब के अवसर पर हार्दिक बधाई दी तथा कार्यक्रम का समापन किया|
कार्यक्रम में सैकड़ों लोगों ने चित्र पर पुष्प अर्पित कर गुरु नानक देव महराज के बताए रास्ते पर चलने का संकल्प लिया, कार्यक्रम को ड़ा0 विशन लाल गौड़, ड़ा0 सभापति शास्त्री, एस0पी0 छिब्बर, वीरेन्द्र यादव एडवोकेट, राम प्यारे यादव, डी0 पी0 मौर्य, अंशु ठाकुर ने भी संबोधित किया, तथा कहा कि हमे समाज के अंतिम व्यक्ति के सामाजिक, राजनैतिक, आर्थिक, सांस्कृतिक विकास के लिए कार्य करना चाहिए, समाज में समता, सद्भाव, प्रेम का प्रचार करना चाहिए| महिला उत्थान संस्था की राष्ट्रीय अध्यक्ष बिन्दु राय ने गीत के माध्यम से गुरु नानक देव महराज का गुणगान किया|
कार्यक्रम मे प्रमुख रूप से राम दुलार यादव, गोपाल साह, एस0एन0 अवस्थी, वीरेन्द्र यादव एडवोकेट, रोहिताश कुमार गुप्ता, मुनीव राम यादव, फूलचंद वर्मा, ओम प्रकाश अरोड़ा, उर्मिला पटेल, बिन्दु राय, रेनूपुरी, डी0 के0 सिंह, सम्राट सिंह, एस0एन0 जायसवाल, राम सिंह यादव, सुधा ठाकुर, सुरेन्द्र यादव, विश्वनाथ सिंह, शबाना, ए0के0 मिश्र, इंजी0 धीरेन्द्र यादव, अंशु ठाकुर, गुड्डू यादव, मोहसिन राणा, हरीस ठाकुर, राज पाल सिंह, श्री भगवान, उपेन्द्र यादव, कृष्ण कुमार दीक्षित, प्रेम चंद पटेल, केदार सिंह, राजीव गर्ग, हाजी मोहम्मद सलाम, सुरेश भारद्वाज, सुभाष यादव, अमर बहादुर आदि उपस्थित रहे|
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