गाजियाबाद। उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल उत्तर प्रदेश ने जीएसटी सर्वे के नाम पर की जा रही छापामारी का विरोध किया है। संस्था ने आरोप लगाया कि सर्वे छापेमारी के नाम पर व्यापारियों का उत्पीडन व शोषण किया जा रहा है। संस्था द्वारा छापेमारी को रोकने की मांग को लेकर वाणिज्य कर विभाग मेरठ के एडिशनल कमिश्नर ग्रेड टू को मुख्यमंत्री के नाम सम्बोधित ज्ञापन भी दिया गया। ज्ञापन में
संस्था के जिलाध्यक्ष प्रेमचंद गुसा ने कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद दो साल लॉकडाउन रहा। ऐसे में व्यापार जगत में पहले से ही अस्थिरता का माहौल है। अब जीएसटी सर्वे के नाम पर की जा रही छापेमारी से व्यापारियों के लिए व्यापार करना ही मुश्किल हो गया है। जब जीएसटी में 40 लाख तक का कारोबार करने वालों को पंजीकरण की अनिवार्यता से मुक्त रखा गया है तो फिर खपेमारी के नाम पर उनका उत्पीडन व शोषण क्यों किया जा रहा है। यदि मांग की है।
सरकार को सभी व्यापारियों का जीएसटी में पंजीकरण कराना है तो नियमानुसार इसके लिए सरकार को पहले लोकसभा द राज्यसभा में प्रस्ताव लाकर उसे पास कराना होगा। प्रेमचंद गुप्ता ने कहा कि व्यापारी समाज व देश के विकास में सबसे अहम योगदान देता है, उसके बावजूद उसके साथ अन्याय किया जा रहा है और सर्वे छापेमारी के नाम पर उसका उत्पीडन व शोषण किया जा रहा है। उन्होंने ज्ञापन में छापेमारी को तुरंत रोके जाने की
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