इस कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया गया। मीडिया प्रभारी सरोज श्रीवास्तव ने बताया कि इस कार्यक्रम में बच्चों द्वारा कुछ आवश्यक व हस्तनिर्मित वस्तुओं (बुक-मार्क, मास्क, रुमाल, सजाने की सामग्री व व्याहवारिक गणित को समझने हेतु विबिन्न प्रकार की वस्तुओं के स्टाल जैसे- स्टेशनरी का समान, बिस्किट, नमकीन, फल, मूँगफली, चना, सूप व सवादेशी वस्तुएं आदि लगाए गए। जिनका संचालन पूर्ण रूप से बच्चों द्वारा ही किया गया व शिशु वाटिका द्वारा एक सुंदर झांकी का प्रदर्शन किया गया जिसमे प्राचीन भारतीय वैज्ञानिकों एवं अन्तरिक्ष यात्री की छवि को शिशुओं के माध्यम से दिखाया गया । जिसमे कक्षा द्वितीय से पंचम तक के छात्र-छात्राओं ने स्टाल व मॉडल लगाए । इस कार्यक्रम के द्वारा बच्चों में अनुभव शिक्षण द्वारा क्रय-विक्रय, लाभ-हानि, निरीक्षण, वाकपटुता व अन्य सामाजिक कौशलों का विकास करने का प्रयास किया गया। इस मेले में सभी छात्रों ने बहुत उत्साह के साथ भाग लिया। अभिभावकों और दूर दराज से आने वाले लोगों की भीड़ इन छोटे बच्चों के माडलों को देखकर हर्षित हो रही थी और छात्रों का उत्साह वर्धन कर रही थी। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि एवं विद्याभारतीके प्रदेश निरीक्षक श्री विशोक कुमार जी व प्रबंध समिति के सदस्यगण डॉ० राधे श्याम गुप्ता, श्री वीरेंद्र शर्मा, श्री कैलाश राघव, श्रीमती एकता जैन व प्रधानाचार्या श्रीमती शीतल सिंघल जी ने सभी मॉडल को देखा व स्टॉल्स पर जाकर बच्चों द्वारा बेचे गए सामान को खरीदकर छात्रों को प्रोत्साहित किया तथा सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया ।
0 टिप्पणियाँ