कार्यक्रम को संबोधित करते हुए लोक शिक्षण अभियान ट्रस्ट के संस्थापक/ अध्यक्ष राम दुलार यादव ने कहा कि जिस ब्रिटिश शासन ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का लोहा माना, उन्होने सत्य, अहिंसा, सत्याग्रह के हथियार से भारत को स्वतन्त्रता दिलवाने का कार्य किया, देश के ही सिरफिरे ने गोली मार कर उनकी हत्या कर दी, दुख तब होता है जब कुछ कट्टरवादी ताक़तें उस आततायी का महिमा मंडन करती है, यह उनके दिमाग के दिवालियापन का प्रमाण है, हमे महात्मा गांधी के त्याग, तपस्या, नैतिकता, ईमानदारी सभी के प्रति प्रेम, सादगी पूर्ण जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए, उन्होने कहा था कि मेरा जीवन ही मेरा संदेश है, वे राजनीतिज्ञ के साथ-साथ सामाजिक और आध्यात्मिक भी थे, उनका मानना था कि जब तक अंतिम पायदान पर खड़ा आदमी यह महसूस नहीं करेगा कि हम विकास की मुख्य धारा में आ गये, तब तक आजादी अधूरी है, उसके सर्वांगीण विकास के लिए सरकारों को काम करना चाहिए, लेकिन आज 75 वर्ष गांधी जी के बलिदान को हो गये, हम समाज के अंतिम व्यक्ति के चेहरे पर मुस्कान नहीं ला पाये| 25 करोड़ लोग गरीबी के रेखा के नीचे जीवन-यापन कर रहे है, भारत में गरीबी, बेरोजगारी, मंहगाई आसमान छू रही है, गांधी जी के सांप्रदायिक सौहार्द का सपना टूट रहा है, द्वेष, अहंकार, नफरत, असहिष्णुता चरम पर है, गांधी जी के सपनों का भारत बनाना है तो सद्भाव, भाईचारा, प्रेम और सहयोग की भावना को जन-जन में फैलाना होगा|
वीरेन्द्र यादव एडवोकेट ने कहा कि गांधी जी के बलिदान को 75 वर्ष हो गये, आज हमे 81 करोड़ से ज्यादा लोगों को 5 किलो अनाज देना पड रहा है, शिक्षा और चिकित्सा की हालत चिंताजनक है, गांधी जी ने कहा था कि एक पुस्तक हजारों रत्नों से ज्यादा कीमती होती है, क्योकि पुस्तक हमारे अंत:करण को उज्ज्वल बनाती है, आज संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर किया जा रहा है, कार्यपालिका, व्यवस्थापिका, न्याय पालिका, प्रेस लोकतन्त्र के खंभे है, एक भी पिलर लोकतन्त्र की इमारत को कमजोर कर सकता है, जो आज हो रहा है | शहीदों, क्रांतिकारियों, स्वतन्त्रता सेनानियों ने जो कुर्बानी दी है, देश को गुलामी से मुक्त कराने के लिए हमे उनके सम्मान में हमेशा हम सभी को अच्छा से अच्छा कमजोर वर्गों की सेवा में लगाना चाहिए, तभी हम महात्मा गांधी जी के सपनों को साकार कर मजबूत भारत बना सकते है|
कार्यक्रम में भाग लेने वाले प्रमुख रहे, राम दुलार यादव, वीरेन्द्र यादव एडवोकेट, विक्की ठाकुर, सुरेन्द्र यादव, अंशु ठाकुर, गुड्डू यादव, विजय मिश्र, इंजी0 धीरेन्द्र यादव, हाजी मोहम्मद सलाम, मोहसिन राणा, हरिशंकर यादव, केदार सिंह, प्रेम चंद पटेल, सुरेश भारद्वाज, हरिकृष्ण, सुभाष यादव, अमर बहादुर, शंभू यादव, राजीव गर्ग, अब्दुल कलाम, साजिद, वशीद, अकरम, विजय भारद्वाज, राजू, गुलजार, सोनू, नियाजू, नौशाद, मो0 जुवेर, मुंसफ आदि|
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