गाजियाबाद: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक एवं भारत तिब्बत सहयोग मंच के मार्गदर्शक इन्द्रेश कुमार के मार्गदर्शन में संचालित मंच की राष्ट्रीय कार्यसमिति की दो दिवसीय महत्वपूर्ण बैठक राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के पास गाजियाबाद के इंदिरापुरम में स्थित कैलाश मानसरोवर भवन में आने वाली 4 एवं 5 फरवरी को आयोजित होगी।
मंच के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष सरदार हरजीत सिंह ग्रेवाल की अध्यक्षता में आयोजित होने वाली इस बैठक में संगठन के विस्तार, मंच के मिशन को जन- जन तक पहुंचाने, 5 मई 2023 को हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में रजत जयंती वर्ष को ऐतिहासिक रूप से प्रारंभ करने, तिब्बत की आज़ादी, कैलाश मानसरोवर की मुक्ति, मंच का अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विस्तार करने एवं कुछ अन्य मामलों को लेकर विस्तृत रूप से चर्चा होगी।
भारत तिब्बत सहयोग मंच के राष्ट्रीय महामंत्री पंकज गोयल ने बताया की 4 एवं 5 फरवरी को आयोजित हो रही राष्ट्रीय कार्यसमिति बैठक में महत्वपूर्ण विषय मंच का “रजत जयंती वर्ष” रहेगा। पंकज गोयल ने बताया कि आने वाला वर्ष "रजत जयंती वर्ष" के रूप में बनाया जाना है। हम सबके लिए अपने मिशन को जन- जन तक पहुंचाने का एक सुनहरा अवसर है। मंच के मार्गदर्शक माननीय इन्द्रेश की इच्छा है कि “रजत जयंती वर्ष” को ऐतिहासिक रूप से मनाया जाये। गोयल ने कहा कि मंच की स्थापना माननीय इन्द्रेश जी ने 5 मई 1999 को हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में की थी । 5 मई 2024 को मंच की स्थापना के 25 वर्ष पूरे हो जायेंगे। इस दृष्टि से 5 मई 2023 को धर्मशाला में जहाँ मंच की स्थापना हुई थी, वहीं से “रजत जयंती वर्ष” की हर्षोल्लास के साथ शुरुआत की जायेगी और 5 मई 2024 को “रजत जयंती वर्ष” का समापन होगा। हमें “रजत जयंती वर्ष” को सर्व दृष्टि से ऐतिहासिक बनाना है। इस एक वर्ष में संतों, बुद्धिजीवियों, सैनिको, महिलाओ, व्यापारियों एवं समाज के विभिन्न वर्गों को लेकर कई सम्मेलनों का आयोजन किया जायेगा। श्री गोयल ने कहा कि मंच के कार्यकर्ताओं में जिस प्रकार का उत्साह है, उससे यही लगता है कि पूरा मंच माननीय इन्द्रेश की उमीदों एवं विश्वास पर खरा उतरेगा।
भारत तिब्बत सहयोग मंच के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य जय कमल अग्रवाल ने संगठन द्वारा किए जा रहे कार्यों एवं आगामी कार्यक्रमों को लेकर बताया की हमारे मंच का मुख्य मिशन है- तिब्बत की आज़ादी और कैलाश मानसरोवर की मुक्ति।
जय कमल अग्रवाल ने कहा तिब्बत यदि आज़ाद होगा तो भारत की समस्यायें स्वतः हल होती जायेंगी, क्योंकि जब तिब्बत आज़ाद होगा तो हमारा पड़ोसी चीन नहीं बल्कि तिब्बत होगा। कैलाश मानसरोवर भवन में आगामी 4 एवं 5 फरवरी की बैठक में समय- समय पर मंच द्वारा किये गए कार्यों एवं आगामी योजनाओं को लेकर कार्य समिति के सदस्यों से चर्चा की जाएगी व सुझाव भी लिये जाएंगे। बैठक में लगभग 300 से 400 कार्यकर्ता भाग लेंगे।
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