गाज़ियाबाद महाराजा अग्रसेन जन कल्याण सेवा ट्रस्ट एवं परमार्थ सेवा ट्रस्ट के तत्वाधान में स्वर्गीय हरविलास गुप्ता जी के सुपुत्र राजीव मोहन, रवि मोहन, की गरिमामय उपस्थिति में वीर सावरकर जी की पुण्यतिथि मनाई इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक क्षेत्रीय संपर्क प्रमुख श्री आनंद जी ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक के बौद्धिक शिक्षण प्रमुख प्रचारक आशुतोष मित्तल ने सावरकर को 'त्याग और तप की प्रतिमूर्ति' बताया। 'मातृभूमि की सेवा में समर्पित उनका जीवन देशवासियों के लिए हमेशा प्रेरणास्रोत बना रहेगा।' भारतीय राजनीति की विवादित हस्तियों में शुमार सावरकर पर राजनीतिक दलों से लेकर लोगों की राय भी बंटी हुई है। रत्नागिरि में पैदा हुए सावरकर की पहचान हिंदू राष्ट्रवादी विचारधारा के जनक के रूप में होती है। हिंदू महासभा में शामिल होकर सावरकर ने 'हिंदुत्व' को लोकप्रिय बनाया। भारत की एक हिंदू राष्ट्र के रूप में परिकल्पना का भी सावरकर ने समर्थन किया। सावरकर ने 26 फरवरी, 1966 को बॉम्बे में अंतिम सांस ली 28 मई, 1883 को एक मराठी ब्राह्मण परिवार में जन्मे सावरकर हिंदू राष्ट्र और अखंड भारत के अपने नजरिए के लिए जाने जाते हैं। भारत छोड़ो आंदोलन और दूसरे विश्व युद्ध के दौरान सावरकर हिंदू महासभा के अध्यक्ष थे। वर्ष 1937 से 1942 तक वीर सावरकर अखिल भारत हिंदू महासभा के 15वें राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे थे। राजनेता और लेखक, सावरकर का नाम भारत छोड़ो आंदोलन का खुलकर विरोध करने के कारण उनके निधन के पांच दशक बाद भी विवाद खड़ा करता है। उन्हें अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में सेलुलर जेल में सजा काटने के लिए भी जाना जाता है। कार्यक्रम का संचालन परमार्थ सेवा ट्रस्ट के चेयरमैन वीके अग्रवाल ने किया मंच पर आसीन विश्व ब्रह्मर्षि ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ब्रह्मर्षि विभूति बीके शर्मा हनुमान, महेश सेठ संदीप सिंघल सतीश मित्तल बसंत पावडे, देवेंद्र हितकारी, सत्येंद्र सिंह, छोटेलाल कनौजिया, डॉक्टर नीरज गर्ग सीएमओ सर्वोदय अस्पताल पार्षद नगर निगम राजकुमार नागर वीके सिंगल डीके मित्तल सुनील शर्मा बसंत मोहन अग्रवाल श्यामसुंदर गुप्ता हेमंत कंसल मेल के एल कालरा बसंत मोहन मोहन अग्रवाल स्नेह लता सिंगल मोहित बंसल एडवोकेट प्रदीप सिंघल तुषार सिंघल तरुण चितकारा लवकेश कुमार अग्रवाल मंयक मोहन अग्रवाल आदि उपस्थित थे
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