कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शिक्षाविद राम दुलार यादव ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम राम में उदात्त गुण विद्यमान रहे, हजारों वर्षों बाद भी हम उनके द्वारा आचरित मार्ग का अनुसरण करते है, हम सभी राम को तो जानते है, उनसे ज्यादा से ज्यादा लाभ की अभिलाषा रखते है, लेकिन उनके व्यक्तित्व और कृतित्व से कुछ सीखना नहीं चाहते, नहीं तो देश, समाज में आज द्वेष, नफरत, असहिष्णुता, अन्याय और अत्याचार का वातावरण नहीं होता, हम बात करते है रामराज्य की, आचरण में रावण वसा है, हम यदि सचमुच राम से प्रेम करते है, तों हमे जन-जन से सद्भाव, भाईचारा, प्रेम और सहयोग की भावना को मजबूत करना होगा, भगवान राम ने अन्याय, अनाचार, असत्य, अनीति के विरुद्ध लड़ सत्य, और न्याय को समाज में प्रतिष्ठापित किया| शबरी को गले लगा, अस्पृश्यता पर करारी चोट की, नर-नारी समानता की भावना को बलवती किया, हम राम का नाम तो लेते है लेकिन अन्याय, अनाचार, शोषण की लड़ाई लड़ने में बहुत पीछे है, हम राम के गुणों का वर्णन तभी करने के अधिकारी है जब हम अपने माता-पिता, भाई-बंधुओं, मित्रों, स्वजनों से प्रेम करें, तथा जन-जन को समान समझे, समता और संपन्नता के सभी अधिकारी हो, कार्यक्रम में शामिल रहे प्रमुख रूप से नरेन्द्र सिंह चौहान, चिंतामणि यादव, शिव शंकर, सुभावती देवी, श्रीमती कृष्णा देवी, बसंत लाल, दिनेश, अरविन्द, रमाशंकर, राधेकान्त, पूर्णवासी, नरेन्द्र यादव, राम आसरे यादव, सुंदर मोहन शर्मा, ओमेन्द्र शर्मा, राम निवास मिश्र, श्रीकांत यादव, संजय यादव, सुभाष यादव आदि रहे|
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