कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता लोक शिक्षण अभियान ट्रस्ट के संस्थापक/अध्यक्ष राम दुलार यादव ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च को पूरे विश्व में महिलाओं के प्रति समान अवसर, काम के घंटे को कम करने तथा सामाजिक, राजनैतिक समानता के लिए तथा आर्थिक दृष्टि से आत्म-निर्भर बनाने के लिए समारोह के रूप में मनाया जाता है, इन्हे मताधिकार का अधिकार भी प्राप्त हुआ, यह आंदोलन सोशलिस्ट पार्टी के आह्वान पर अमेरिका में मनाया गया, 15000 महिलाओं ने अपने अधिकारों के लिए आंदोलन किया, तथा वह अपनी मांगें मनवाने में सफल भी रहीं, महिलाओं के अधिकारों की रक्षा में सबसे बड़ा योगदान शिक्षा का है, 1848 में सबसे पहले प्रथम शिक्षिका सावित्री बाई फूले ने महिलाओं को शिक्षित बनाने में विद्यालय की स्थापना किया, उनकी सहयोगी फातिमा शेख ने हर तरह की मदद की, यहाँ पर हजारों साल से शोषितों, वंचितों, आर्थिक दृष्टि से कमजोर वर्गों को शिक्षा से वंचित रखा गया, हर वर्ग की महिला अशिक्षा के कारण शोषण का शिकार रही, सरकार और समाज को शिक्षा और चिकित्सा पर अधिक ध्यान देना चाहिए, दुख तब होता है कि हम यहाँ अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मना रहे है, भारत में 50% से अधिक महिलाएँ कुपोषण की शिकार है, खून की कमी के कारण वह अपने घर का काम भी नहीं कर पाती, बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ, कार्यक्रम 2015 में शुरू हुआ, जब देश लिंगानुपात की समस्या से ग्रस्त हो रहा था, हमें संकल्प लेना है कि हम अपने बेटियों को उच्च शिक्षा दिलाएगे, जिससे वह पाखंड, अंधविश्वास से ऊपर उठ कर समाज की मुख्य धारा में आयें, गुलामी की व्यवस्था से मुक्त हो आत्मनिर्भर हो सकें| कार्यक्रम में राम दुलार यादव, अरुण शर्मा, रूप सुदेश विमल, कुलदीप सिंह रावत, एस0एस0 जोली उपस्थित रहे, एच0के0 चेट्टी, ज्योति चेट्टी ने सभी का आभार व्यक्त किया|
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