सोच विकसित होती है। वह विशेष कार्य करने के कौशल अर्जित करता है और उसमें एक नेता एक आयोजक
और एक प्रशासक के गुण विकसित होते हैं और समग्र रूप से उसके व्यक्तित्व का विकास होता है। राष्ट्रीय सेवा योजना के माध्यम से उसे समुदाय को नजदीक से जानने का अवसर मिलता है और इस प्रकार अपने परिवेश की तुलना में उसे मानव प्रकृति का अनुभव प्राप्त होता है। इस प्रकार राष्ट्रीय सेवा योजना का लक्ष्य, एनएसएस युवा छात्रों को "समुदाय सेवा के माध्यम से उनके व्यक्तित्व का विकास करते हुए बेहतर नागरिक बनाना है। शिक्षा क्षेत्र गरीब बच्चों के प्रति किये जा रहे संस्था के प्रयासों की सराहना करते हुए उन्हें हरसम्भव सहयोग की बात कही। 20 मार्च,को एनएसएस स्वयंसेवकों ने श्रमदान किया। स्वयंसेवकों द्वारा वसुंधरा के आस-पास की मलिन बस्तियों में अर्थिक रूप से पिछड़े एवं गरीब बच्चों को मनोरंजक साधनों के द्वारा शिक्षा प्रदान वाह की गयी। वाईस प्रिंसिपल प्रो० नैंसी शर्मा ने कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना व्यक्तित्व विकास का पूर्ण मंच है। इसके द्वारा छात्र-छात्राओं का चौमुखी विकास होता है। राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम छात्र छात्राओं को सामाजिक मूल्यों एवं उनके प्रति संवेदनशील बनाते हैं। उन्होनें स्वयंसेवकों से शिविर में सीखी गया बातों को जीवन में उतारने की बात कही। राष्ट्रीय सेवा योजना का उद्देश्य समाज सेवा के प्रति जागरूक करना है। इसलिए हमारे मन में सेवा एवं सहयोग की भावना होनी चाहिए। कार्यक्रम के अधिकारी प्रो० अमित शर्मा ने बताया कि गरीब बच्चों की शिक्षा और उन्हें सही राह दिखाना हमारा समाज के प्रति एक फर्ज है। इस प्रकार के क्रियाकलाप छात्रों को न केवल संवेदनशील बनाते है वरन उन्हें सामाजिक मूल्यों के प्रति उनके उत्तरदायित्यों का बोध भी कराते है। सर्व शिक्षा अभियान के तहत देश ही नही दुनिया की सरकारें भी इसके लिए लगातार प्रयासरत है। और इस दिशा में बेहतर काम करने के लिए अग्रसर है। यह संस्था गरीब और सड़क पर रह रहे बच्चों को गरीबी के अँधेरों से निकालकर शिक्षा की रोशनी में ले जा रही
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