नगर पालिका अध्यक्ष व जिला पंचायत सदस्य का लड़ चुकी हैं चुनाव
लोनी नगरपालिका की सीट महिला के लिए आरक्षित होने पर भाजपा नेता ईश्वर मावी की धर्मपत्नी और लोनी नगर पालिका की पूर्व चेयरमैन प्रत्याशी विमला मावी ने सोमवार को भाजपा के जिलाध्यक्ष दिनेश सिंघल से उनके कैंप कार्यालय पर मुलाकात की और उन्हें लोनी नगर पालिका परिषद से अध्यक्ष पद के लिए अपना आवेदन सौंपा।
बता दें कि विमला मावी ने वर्ष 2017 में लोनी नगर पालिका अध्यक्ष पद का चुनाव निर्दलीय होते हुए भी बेहद दमदारी से लड़ा था जिसमें उन्हें 19993 वोट मिली थीं और वह तीसरे स्थान पर रही थीं 2015 में वह जिला पंचायत सदस्य का चुनाव भी लड़ चुकी हैं उनके पति ईश्वर मावी भी 2012 में लोनी नगर पालिका अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ चुके हैं जिसमे उन्हें 17486 वोट मिले थे और वह भी तीसरे स्थान पर रहे थे।
मावी दंपत्ति द्वारा लड़े गए दोनों ही चुनावो में बसपा, कांग्रेस, राष्ट्रीय लोकदल, आम आदमी पार्टी व अन्य कई दलों के प्रत्याशी उनसे पीछे रहे थे।
ईश्वर मावी की गिनती लोनी क्षेत्र के कद्दावर नेताओं में होती हैं जो लोनी की राजनीति में अपना अलग वजूद रखते हैं 2021 के जिला पंचायत चुनाव में अपनी पुत्रवधू अंशु मावी को ऐतिहासिक वोटों से चुनाव जिता कर वह यह साबित भी कर चुके हैं।
अगर भाजपा विमला मावी को अपना प्रत्याशी बनाती है तो वह मज़बूत प्रत्याशी हो सकती हैं क्योंकि जब वह 2017 में पिछला चुनाव लड़ीं थी तो उस वक्त उनका गांव भी नगर पालिका में नहीं आता था जबकि इस बार हुए सीमा विस्तार में उनके गांव टीला शहबाजपुर के साथ उनकी पुत्रवधू और जिला पंचायत सदस्य अंशु मावी के पैतृक गांव अगरोला व उनकी जिला पंचायत के 5 गांव भी लोनी नगर पालिका में शामिल हुए हैं।
लोगों का कहना है कि ईश्वर मावी व उनकी पत्नी विमला मावी का लोनी नगर पालिका क्षेत्र की सैकड़ों कालोनियों एवं हाल में शामिल हुए अन्य गांवों में व्यक्तिगत जनाधार है क्योंकि वह लंबे समय से लोनी में सक्रिय राजनीति कर रहे हैं और लोनी के चप्पे चप्पे से वाक़िफ़ हैं।
यहाँ यह भी बता दें कि ईश्वर मावी को 2007 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने खेकड़ा विधानसभा क्षेत्र से व 2017 में लोनी विधानसभा क्षेत्र से अपना प्रत्याशी घोषित किया था लेकिन पार्टी की अंदरूनी कलह की वजह से ऐन वक्त पर उनका टिकट कट गया था।
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