प्रस्तुत संगोष्ठी का शुभारम्भ संगोष्ठी की अध्यक्ष,राम चमेली चड्ढा विश्वास गर्ल्स कॉलेज की प्राचार्य डॉ. नीतू चावला जी के आशीर्वाचन द्वारा हुआ.... उन्होंने बताया कि साहित्य समाज का दर्पण है जो कुछ समाज में घटित होता है उसका प्रतिबिम्ब ही साहित्य में परिलक्षित होता है.. समकालीन हिन्दी साहित्य में व्याप्त विभिन्न विमर्श जैसे-राजनीति, सामाजिक, सांस्कृतिक, नैतिक, आदिवासी, किन्नर, स्त्री, दलित आदि विमर्श इसके उपविषय रहें.
प्रस्तुत संगोष्ठी में महाविद्यालय की रजिस्ट्रार शशि खन्ना, संयोजिका श्रीमती गीतांजलि खुराना की गरिमामयी उपस्थिति ने संगोष्ठी को सुशोभित किया.. संगोष्ठी में देश -विदेश से जुड़ें विभिन्न साहित्यकारों, विद्वतजनों, हिन्दी प्रेमियों आदि ने अपने ज्ञानवर्धक वक्ताव्यों द्वारा संगोष्ठी की शोभा बढ़ाई तथा भारत देश के प्रत्येक कोने से विभिन्न शोधार्थी, अनुसन्धानकर्ता ने अपने-अपने शोध आलेख प्रस्तुत कर संगोष्ठी को सफल बनाया...
प्रस्तुत संगोष्ठी का मंच संचालन व धन्यवाद ज्ञापन डॉ. अंशु बत्रा, डॉ. आंचल द्वारा किया गया तथा बी. ए. विभाग की डॉ. स्मृति, श्रीमती अलका चौधरी के सहयोग द्वारा संगोष्ठी का सफलता पूर्वक आयोजन किया गया
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