जीवन में बुद्धि,ऐश्वर्य, आनन्द चाहते हैं तो जप करो -आचार्य चन्द्रशेखर शर्मा*(ग्वालियर)
गाजियाबाद, केन्द्रीय आर्य युवक परिषूद के तत्वावधान में "विभूति योग 75 दिव्य वर्णन गीता में" विषय पर ऑनलाइन गोष्ठी का आयोजन किया गया।यह कोरोना काल से 539 वां वेबिनार था।
वैदिक विद्वान आचार्य चन्द्र शेखर शर्मा (ग्वालियर) ने कहा कि भगवत गीता के 10 वें अध्याय में विभूति योग का बहुत ही सुन्दर वर्णन है।प्रत्येक महान वस्तु में परमात्मा विद्यमान है यही उसकी विभूति है परमात्मा का मुख्य और निज नाम ओम है। पंच यज्ञ में जप यज्ञ सबसे बड़ा है,इसे अनुभव करना चाहिए।स्वामी दयानंद ने सबसे ज्यादा गायत्री मंत्र का जप किया था,अतः प्रातः सायं जप करें,आप जीवन में आनंद,बुद्धि,ऐश्वर्य चाहते हैं तो जप को दिनचर्या में शामिल करें।
मुख्य अतिथि कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि संध्या उपासना से ईश्वर के निकट पहुंच सकते हैं। अध्यक्षता आर्य नेत्री रजनी चुघ ने की उन्होंने कहा यह वेबिनार ज्ञानवर्धन करने वाला एवं प्रेरणादायी रहा।गहन विषय को सरलतम शब्दों में प्रस्तुत किया गया।उन्होंने आगे कहा गीतामृत पीकर मानव ज्ञानी बन जाता है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कुशल संचालन किया व राष्ट्रीय मंत्री प्रवीण आर्य ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
गायिका प्रविणा ठक्कर, कमलेश चांदना, जनक अरोड़ा, ईश्वर देवी, कमला हंस, कौशल्या अरोड़ा, सुनीता उपाध्याय,कुसुम भण्डारी, सुषमा गुगलानी, रविंद्र गुप्ता आदि के मधुर भजन हुए।
इस अवसर पर मुख्य रूप से सर्वश्री सुभाष शर्मा,यज्ञ वीर चौहान,त्रिलोक शास्त्री, भूपेन्द्र शर्मा,धर्मदेव खुराना, सुशीला यादव, राजश्री यादव, वीना छाबड़ा, सुमित्रा गुप्ता,मिथलेश गौड़,नीलम खनूजा, वेद प्रभा, चन्द्र कांता आदि उपस्थित रहे।
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