गाजियाबाद विश्व ब्रह्मऋषि ब्राह्मण महासभा के तत्वाधान में विश्व ब्राह्मण दिवस पर संबोधित करते विश्व ब्रह्मऋषि ब्राह्मण महासभा के संस्थापक अध्यक्ष ब्रह्मऋषि विभूति बीके शर्मा हनुमान ने कहा ब्राह्मण देवताओं का भी देवता हैl संसार में उसके समान कोई दूसरा नहीं हैl वह साक्षात धर्म की मूर्ति है और सबको मोक्ष का मार्ग प्रशस्त करने वाला है ब्राह्मण सर्व मानव जाति का गुरु, पूज्य और तीर्थ स्वरुप मनुष्य है l आचार्य चाणक्य के विचार अत्यंत प्रासंगिक है. हमें उनकी नीतियों का अनुसरण करते हुए एक भव्य समाज की स्थापना में अपना महत्वपूर्ण योगदान देना चाहिए. आज का यह दिन हमें अपने गौरव को याद करने एक गरिमामय समाज की स्थापना करने एवं एक अखंड राष्ट्र के निर्माण में अपने भूमिका को याद करने का दिन है बीके शर्मा हनुमान ने कहा कि संगठन पिछले कई सालों से आज के दिन को विश्व ब्राह्मण दिवस के रूप में पूरे देश में मनाता है जिसके तहत पूरे देश में भव्य कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. उन्होंने उपस्थित लोगों का आह्वान किया कि आप सभी एक चरित्रवान संस्कारवान एवं आदर्श समाज की संकल्पना को पूरा करने का संकल्प लें.
ब्रह्मर्षि बीके शर्मा हनुमान ने यह भी बताया ब्राह्मण, मूलत: हिन्दू वर्ण व्यवस्था का एक वर्ण है। यास्क मुनि के निरुक्त के अनुसार, ब्रह्म जानाति ब्राह्मणः अर्थात् ब्राह्मण वह है जो ब्रह्म (अंतिम सत्य, ईश्वर या परम ज्ञान) को जानता है। अतः ब्राह्मण का अर्थ है "ईश्वर का ज्ञाता"।
19 वीं सदी का भारत
यद्यपि भारतीय जनसंख्या में ब्राह्मणों का दस प्रतिशत है तथापि धर्म, संस्कृति, कला तथा शिक्षा के क्षेत्र में देश की आजादी और भारत राजनीति में महान योगदान रहता आया है। उत्तर प्रदेश=20%, बिहार=7%, उत्तराखंड=25%, हिमाचल प्रदेश=18%, मध्यप्रदेश=6% , राजस्थान=15.5%, हरियाणा=10%, पंजाब=7%, जम्मू कश्मीर=12%, झारखंड= 5%, दिल्ली=15% और देश कि लगभग=10% पांचाल ब्राह्मण ।
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