Ghaziabad : क्रिप्टोकरेंसी क्रिमिनल की अब खेर नहीं, सामाजिक कार्यकर्त्ता एवं लेखक रविंद्र आर्य की जानकारी के अनुसार, देश की राजधानी दिल्ली में G20 शिखर सम्मेलन का मेजबान बनने जा रहा है. यह महत्वपूर्ण समिट दिल्ली मे आयोजित होंगी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जी-20 (G-20) बैठक से पहले अमेरिका और जापान सहित अन्य देशों के वित्त मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं. इस दौरान उन्होंने क्रिप्टो करेंसी को रेग्युलेट करने के लिए वैश्विक ढांचा बनाने, वैश्विक ऋण जोखिमों से निपटने के उपायों और बहुपक्षीय विकास बैंक को मजबूत बनाने जैसे मुद्दों पर चर्चा की।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि क्रिप्टो भारत में काफी हद तक अनियमित है, चाहे वह माइनिंग हो या चाहे वह एक संपत्ति हो या चाहे वह लेनदेन हो. उन्होंने कहा, हम मानते हैं कि यह एक तकनीक द्वारा संचालित है और इसे नियंत्रित या विनियमित करने में एक देश का प्रयास प्रभावी नहीं होगा.
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास के साथ-साथ देश के वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सहित विभिन्न सरकारी प्रवक्ताओं द्वारा दिए गए विभिन्न प्रमुख बयानों के आधार पर, यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि क्रिप्टोकरेंसी अवैध है, लेकिन भारत में इस पर कोई निश्चित प्रतिबंध नहीं है।
भारत में क्रिप्टो वैध या अवैध? भारत में भुगतान माध्यम के रूप में क्रिप्टोकरेंसी को किसी भी केंद्रीय प्राधिकरण द्वारा विनियमित नहीं किया जाता है। क्रिप्टोकरेंसी से निपटने के दौरान विवादों को निपटाने के लिए कोई नियम और कानून या कोई दिशा-निर्देश निर्धारित नहीं हैं।
इस तरह क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग कुछ प्रकार के अवैध लेनदेन करने के लिए किया जा सकता है जिसमें कर चोरी और संपत्ति छिपाना शामिल है। इससे सरकार के लिए यह सुनिश्चित करना एक चुनौती बन गई है कि देश में किसी भी अवैध उद्देश्य के लिए क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग नहीं किया जाता है।
भारत में क्रिप्टो करेंसी को बैन करने के पीछे कुछ प्रमुख वजह इस प्रकार हैं। भारत में क्रिप्टो पर क्यों लगे बैन? क्रिप्टो करेंसी का प्रयोग क्रिमिनल एक्टिविटी और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे गतिविधियों के लिए किया जा सकता है। क्रिप्टो करेंसी में बेचने और खरीदने वाले के नाम का खुलासा नहीं होता इसलिए भी यह खतरनाक साबित हो सकता है।
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने देश के मौद्रिक और राजकोषीय स्वास्थ्य के लिये 'अस्थिर प्रभावों' का हवाला देते हुए क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की है।
अभी तक आपने सुना या पढ़ा होगा कि क्रिप्टोकरेंसी (Invest in Crypto) में निवेश किया और देखते-देखते करोड़पति बन गया. कुछ दिन पहले तक केवल इसी तरह की खबरें आ रही थीं, मानो क्रिप्टोकरेंसी पैसे बनाने की एक मशीन है. पिछले कुछ दिनों में क्रिप्टोकरेंसी में गिरावट की सबसे बड़ी वजह फेड रिजर्व के रुख को लेकर अनिश्चितता की स्थिति और कई रेगुलेटरी फैसले हैं. इससे दुनियाभर में डिजिटल एसेट्स की तेज वृद्धि को लेकर आशंकाएं पैदा हो गई हैं. इसी बीच रूस के सेंट्रल बैंक ने बिटक्वाइन माइनिंग और क्रिप्टो ट्रेडिंग एक्टिविटी पर बैन को लेकर भी अपना प्रस्ताव रखा है. इससे भी इस इंडस्ट्री को गहरा झटका लगा है.
क्रिप्टोकरेंसी के बाजार में इस समय हलचल मची हुई है, तमाम बड़ी क्रिप्टो के दाम में गिरावट देखी जा रही है और बिटकॉइन जैसी नंबर 1 पॉपुलर क्रिप्टो के निवेशक भी इस समय घाटा झेल रहे हैं. पिछले एक हफ्ते यानी 7 दिनों से जोरदार गिरावट का साया क्रिप्टोकरेंसी के मार्केट में छाया हुआ है और इंवेस्टर्स इसमें बिकवाली कर रहे हैं।
बिटकॉइन और समग्र क्रिप्टो बाजार में हालिया कीमत में उतार-चढ़ाव अप्रत्याशित व्यापक आर्थिक बाधाओं और अमेरिकी बैंकिंग प्रणाली में हालिया गिरावट के कारण हुआ है। 2022 से 2023 तक, बिटकॉइन में विभिन्न कारणों से भारी उतार-चढ़ाव देखा गया है, जैसे: अस्थिर अमेरिकी बैंकिंग प्रणाली।
कुछ लोगों के अनुसार, क्रिप्टो करेंसी का भविष्य उज्ज्वल है और यह धन के वितरण, संचालन और बचत में सुधार कर सकती है। हालांकि, इसके साथ ही कुछ समस्याएं भी हैं, जैसे वॉलेट हैकिंग, वैल्यू वोलेटिलिटी और नियमकता की कमी जो इसे आगे बढ़ने से रोक सकती हैं।
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