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दर्ज ना हो......

फाड़ दो सब चिट्ठियाँ, कॉपी, किताबें,
दर्ज ना हो देश का अभिमान जिसमें।

काट दो इतिहास से वे पेज सारे,
दर्ज ना हो वीरता - बलिदान जिसमें।

खून के बदले मिला हमको तिरंगा,
मत समझना मुफ़्त की सौगात है ये-

तोड़ दो गद्दार के हर बाजुओं को,
दर्ज ना हो हिंद - हिंदुस्तान जिसमें।।
डॉ अवधेश कुमार अवध
मेघालय 8787573644

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