गाजियाबाद लोहिया नगर हिंदी भवन विश्व ब्रह्मऋषि ब्राह्मण महासभा के स्थापना दिवस समारोह में संत- ब्राह्मण शंखनाद कार्यक्रम में संस्थापक अध्यक्ष बीके शर्मा हनुमान ने कहा कि मौजूदा दौर मे संवैधानिक व्यवस्था मे अलग-थलग पड़े समस्त ब्राह्मणों को एकजुट होकर अपने उत्थान के लिए स्वयं संघर्ष करने के साथ-साथ धर्म व संस्कृति के पतन की रक्षा के लिए समाज को दिशाहीन होने से बचाना भी ब्राह्मण का दायित्व होना चाहिए। ब्रह्मऋषि विभूति बीके शर्मा हनुमान ने बताया कि सर्वे भवन्तु सुखिनः सभी के सुख की कामना करने वाला, सबसे ज्यादा सम्मान्नित और अहिंसा परमोधर्मः का पाठ साथ ही धर्महिंसा तथैव च का पाठ पढ़ाने वाला सभ्य ब्राह्मण समाज.आज षड़यंत्र के ऐसे जाल में जकड़ चूका हैं की उससे निकलने के लिए एकता का ही जोड़ लगाना पड़ेगा।अखंड ब्रह्माण्ड में यदि किसी समाज का मानवता को सबसे ज्यादा योगदान हैं तो वह ब्राह्मण समाज का हैं। त्याग और ज्ञान के दम पर सभ्यता की स्थापना की और सभ्य समाज में उत्पन्न हुवे असभ्यता से मानवता की सुरक्षा भी की।ब्राह्मणों को एकता लानी होगी तभी सही ज्ञान बच पायेगा और तभी दुनिया प्रलय होने से बच सकती हैं. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रामनरेश पिंडीवासा ने कहा कि ब्राह्मण वह है जो शांत, तपस्वी और यजनशील हो जैसे वर्षपर्यंत चलनेवाले सोमयुक्त यज्ञ में स्तोता मंत्र-ध्वनि करते हैं वैसे ही मेढक भी करते हैं । जो स्वयम् ज्ञानवान हो और संसार को भी ज्ञान देकर भूले भटको को सन्मार्ग पर ले जाता हो, ऐसों को ही ब्राह्मण कहते हैं । जब सल्तनत काल शुरू हुआ तो ब्राह्मणों ने घर मे ही गुरुकुल खोल लिए। चोरी छुपे बच्चों को पढ़ाया करते थे। वेदों, शास्त्रों को जलाया गया तो ब्राह्मणों ने शास्त्रों को कंठस्त कर लिया। एक बार घर मे गुरुकुल चलाने वाले एक ब्राह्मण को दिल्ली के सुल्तान ने लकड़ी की मूर्ति के साथ जिंदा जलाकर मार दिया। ब्राह्मण के सामने शर्त रखी गयी थी कि धर्म त्याग या मरने को तैयार रहे, ब्राह्मण ने कहा भस्म होना स्वीकार है धर्म बदलना नहीं..ऐसी धर्मभक्त जाती का अपमान करना वेदों और मानवता का अपमान करना है? कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री महंत नारायण गिरी जी महाराज ने कहा कि संतो - ब्राह्मणों के कारण ही आज सनातनी संस्कृति जीवित है..ब्राह्मण, वैश्य, क्षत्रिय, शूद्र ये सभी सनातन धर्म भारत देश की नींव हैं.. अगर नींव ही ढ़ह गयी तो शेष कुछ नहीं बचेगा। इसलिए एक दूसरे का सम्मान करें और सनातन और भारत धर्म को बचाएं। अब संतो - ब्राह्मणों सहित पूरे सवर्ण समाज मे जागरूकता आ रही है,वहुत से राष्ट्रभक्त संस्कारवान साथी जगाने में लगे हैं।
विश्व ब्रह्मऋषि ब्राह्मण महासभा के संस्थापक अध्यक्ष ब्रह्मऋषि विभूति बीके शर्मा हनुमान ने कहा कि सनातन, संत, ब्राह्मणों की रक्षा के लिए संत - ब्राह्मण शंखनाद आयोजित कार्यक्रम में देशभर से पधारे हुए संतों ने ब्राह्मण समाज सहित धर्म से जुड़े विषयों पर चर्चा करते हुए
संत- ब्राह्मण शंखनाद कार्यक्रम में प्रस्तावों पर एक नज़र –गौ माता को राष्ट्रीय दर्जा मिले, और हर जिले में गोनस्ल सुधार केंद्र स्थापित करें, गो वंश परिवहन और गौ मांस पर प्रतिबंध होकर गोवंश तस्करों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाए, विप्र कल्याण बोर्ड का गठन किया जाए,आरक्षण जातिगत नहीं आर्थिक आधार पर दिया, आरक्षण का लाभ एक परिवार को एक ही बार दिया जाए, लव जिहाद, जमीन जिहाद, शिक्षा जिहाद और व्यापार जिहाद के खिलाफ सरकार द्वारा विशेष जांच दल गठित कर कठोर कार्यवाही की मांग के साथ और भी कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव शामिल थे. इन प्रस्तावों को समाजजनों ने हाथ उठाकर पारित किया और सरकार का ध्यान केंद्रित करवाया. पदाधिकारीयों के मुताबिक प्रस्तावों की प्रतियां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुखिया योगीआदित्य नाथ को पहुंचाई जाएगी और उनका ध्यान आकर्षण कराया जाएगा. नवनीत प्रियदास
के के शर्मा जी
पूर्व विधायक सुरेंद्र मुन्नी जी
महंत नारायण गिरी जी
भाजपा महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा आरसी शर्मा उपाध्यक्ष
पूर्व ब्लाक प्रमुख मुकेश पंडित जी बृज किशोर बृजवासी
संतोष कौशिक जी
महासभा के कार्यकारी अध्यक्ष महेश शर्मा जी, महासचिव शैलेन्द्र शर्मा जी, योगेश दत्त गॉड सचिव
राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी विजय कुमार कौशिक जी, कोषाध्यक्ष लोकेश कौशिक जी, महासचिव संदीप शर्मा जी, सुभाष शर्मा जी, उपाध्यक्ष कपिल पंडित जी, देवेन्द्र शर्मा जी, वृंदावन से आए राहुल गोस्वामी जी, राष्ट्रीय अध्यक्ष महिला शक्ति सीमा भार्गव जी, नीता भार्गव जी, महानगर अध्यक्ष महिला शक्ति आशा शर्मा जी, सचिन भारती, उपाध्यक्ष आर सी शर्माजी, विजय शर्मा जी, देवाशीष ओझा, रघुनन्दन भारद्वाज विनीत शर्मा जी अलोकचंद शर्मा सागर शर्मा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आदि मौजूद थे
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