बैकफुट पर आए एसडीएम , बोले गलती से लिखा गया एसीपी को पत्र
लोनी। प्रदेश की सबसे बड़ी नगर पालिका परिषद लोनी की चेयरमैन रंजीता धामा ने एक बार फिर खुद को आयरन लेडी साबित किया है। किसी महिला के लिए लोनी जैसे क्षेत्र की राजनीति में इतनी सक्रियता दिखाना वाकई काबिलेतारीफ है। चाहे बात अपने पति की गैरमौजूदगी में लोनी में निर्दलीय विधानसभा चुनाव लड़कर अपनी मजबूती का एहसास कराना हो या लोनी चेयरमैन की सीट पर सत्ताधारी दल के खिलाफ दोबारा से जीत हासिल करना। हर बार उन्होंने खुद को राजनीति के एक धुरंधर योद्धा के रूप में प्रदर्शित करने का कार्य किया है। इसका ताजा उदाहरण लोनी एसडीएम के द्वारा उनके जेठ की गिरफ्तारी के लिए एसीपी को लिखे पत्र का जवाब देखने से भी मिलता है। एसडीएम अरुण दीक्षित द्वारा एसीपी अंकुर विहार को क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि के पत्र का हवाला देते हुए गिरफ्तारी का आदेश जारी कर दिया। जब इसकी सूचना चेयरमैन रंजीता मनोज धामा को मिली तो उन्होंने तल्ख तेवर दिखाते हुए ना सिर्फ एसडीएम के आदेश को अनुचित बताया बल्कि शासन को एसडीएम के इस विवेकहीन व्यवहार के विरुध कार्यवाही करने के लिए पत्र भी लिखा। जैसे ही यह पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हुआ और बात वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंची तो एसडीएम को बैकफुट पर आना पड़ा और उन्होंने नया पत्र जारी करते हुए अपने पहले पत्र को त्रुटिपूर्ण बताया और नए पत्र के माध्यम से स्पष्टीकरण देते हुए बताया कि उन्हें स्थानीय जनप्रतिनिधि द्वारा लिखित एक पत्र प्राप्त हुआ था जिसके संबंध में एसीपी को आवश्यक कार्यवाही के लिए सूचित करना था लेकिन त्रुटिवश गिरफ्तारी का आदेश जारी हो गया। वहीं जब चेयरमैन रंजीता धामा से इस संबंध में बात की गई तो उन्होंने कहा कि राजनीतिक द्वेष के चलते सत्ताधारी दल के क्षेत्रीय नेता पुलिस प्रशासन के अधिकारियों को दबाव में लेने के लिए इस तरह के षड़यंत्र पहले से ही रचते आए हैं। लेकिन एसडीएम जैसे जिम्मेदार पद पर नियुक्त होने के बावजूद लोनी एसडीएम का यह कार्यप्रणाली इस बात की परिचायक है कि वे भी इन षड्यंत्रकारियों का शिकार हो गए हैं और इनके दबाव में वो कोई भी प्रतिकूल आदेश बिना सोचे समझे जारी कर सकते हैं। शासन को इनकी कार्यप्रणाली पर ध्यान देना चाहिए।
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