Ghaziabad : आई0 टी0 एस कॉलेज ऑफ फार्मेसी, मुरादनगर में एक दिवसिय कॉन्फ्रेन्स ‘‘चैलेंजिग और अपॉर्चुनिटी इन मैटरियोविजिलैंस एण्ड डिजिटल हैल्थ केयर सिसटम’’ नामक शीर्षक का आयोजन किया गया। यह कॉन्फ्रेन्स ग्रीन कैमिस्ट्र नैटवर्क सेन्टर, दिल्ली विश्वविद्यालय, रॉयल सोसाइटी ऑफ कैमिस्ट्री, लन्दन तथा एस0पी0इ0आर0 जामिया हमर्दद, नई दिल्ली के सहयोग से आयोजित की गयी। कार्यक्रम का शुभारम्भ प्रौ0 आर0 के0 शर्मा, डॉ0 वी0 कलाईसेलवन, श्री सुरेन्द्र सूद डारेक्टर- पी0 आर0, आई0 टी0 एस-दि एजुकेशन ग्रुप, डॉ0 एस0 सदीश कुमार निदेशक आई0 टी0 एस कॉलेज ऑफ फार्मेसी के द्वारा दीप प्रज्जवलन करके किया गया।
इस कॉन्फ्रेन्स का उद्देश्य छात्रों को मैटरियोविजिलैंस तथा स्वास्थय के क्षैत्र में डिजिटल प्रणाली के उपयोग के बारे मे तथा इस क्षैत्र में चुनोतियों व अवसर के बारे मे अवगत कराना था।
इस कॉन्फ्रेन्स मे 50 से अधिक कॉलेज के 500 से ज्यादा छात्रों व डेलिगेट ने पोस्टर प्रजेन्टेशन व शोध पत्र प्रदर्शित किये। डायरेक्टर डॉ0 एस0 सदीश ने सभी प्रतिनिधियों से वक्ताओं का परिचय कराया एवं आई0 टी0 एस0 कालेज आफ फार्मेसी के बारे में विस्तार से चर्चा की।
डॉ0 एस0 सूद ने कहा कि ‘डिजिटल’ एक ऐसा शब्द है जो उद्योग, स्वास्थय, व्यापार सुरक्षा, शिक्षा आदि मे प्रयोग हो रहा हैं। इसके प्रयोग से हम अवसर के साथ कुछ चुनौतियों का सामना भी कर रह हैं। डिजिटल तकनीक के प्रयोग की कुछ सीमाये हैं। यह तकनीक हमारे जीवन को साधारण व आसान बनाती हैं। उन्होने डिजिटल तकनीक के विभिन्न क्षैत्रों मे अवसरों के बारे मे बताया।
डॉ0 एस0 सदीश ने कहा कि मैडिकल डिवाइस का पब्लिक हैल्थ के क्षैत्र मे तेजी से प्रयोग हो रहा हैं। हमे उद्योग व शिक्षण संस्थान के मध्य एक सेतु बनाना होगा, जिससे कि डिजिटल तकनीक का सही तरीके से प्रयोग हो सके।
इस अवसर पर बोलते हुए प्रौ0 आर0 के0 शर्मा, ग्रीन कैमिस्ट्री नेटवर्क सेन्टर दिल्ली विश्वविद्यालय, सचिव, आर0एस0सी0 लन्दन ने ’हरित विज्ञान के बारे में बताया। उन्होनें कहा कि हरित रसायन विज्ञान मे रसायानो की संपूर्ण आपूर्ति श्रृंखला मे शिक्षा, अनुसंधान और व्यवसायिक अनुप्रयोग शामिल हैं तथा उद्योगो को ग्रीन कैमिस्ट्री अपनाना होगा क्योंकि यह न केवल समाज ओर पर्यावरण के लिए फायदेमंद होगा, बल्कि कंपनियो को आर्थिक रूप से प्रतिस्पर्धी बनाऐगा।
डॉ0 वी0 कलाईसेलवन, सीनीयर सांइटिफिक ऑफिसर इन्डियन फॉर्माेकोपिया कमीशन गाजियाबाद ने कहा कि फार्माकोविजिलेंस प्रतिकूल घटनाओं और अन्य दवा संबधी समस्यायों का पता लगानें, मूलायंकन समझने और रोकथाम से संबधित विज्ञान और गतिविधियॉ है। वर्तमान मे भारत फार्माकोविजिलेंस प्रोग्राम ऑफ इंडिया (पी0वी0पी0आई0) के माध्यम से रोगियों और आम जनता की बेहतरी के लिए स्वदेशी प्रतिकूल दवा प्रतिक्रिया डेटा तैयार करने और उसका आकलन करनें में आत्मनिर्भर है। मैटरियोविजिलैंस प्रोग्राम आफ इंडिया (एम0वी0पी0आई0), चिकित्सा उपकरणों की सुरक्षा की निगरानी के लिए भारत सरकार द्वारा संचारित किया गया है।
डॉ0 वरूण सूर्या सी0 डी0 ई0 एण्ड आर0, एम्स (ए0आई0आई0एम0एस0) नई दिल्ली ने कहा कि आजकल डिजिटल तकनीक का उपयोग स्वास्थय की देख भाल के लिए आयुष्मान कार्ड, यू0 एच0 आई0 डी0 इलेक्ट्रोनिक हेल्थ रिकार्ड आदि के रूप में किया जा रहा है। जिससे प्रत्येक व्यक्ति अपनी बीमारी का विवरण, उपचार, लैब टैस्ट रिर्पोट, मैडिकल प्रिसक्रिपसन आदि को आसानी से देख व मैनेज कर सकते है।
डॉ0 रिकेश्वर प्रसाद देवगन एस0 पी0 ई0 एण्ड आर0 जामिया हमदर्द, नई दिल्ली ने कहा कि बायोफिल्म संबंधित संक्रमणो के खिलाफ ‘‘ स्थिर रोगाणुरोधी पैप्टाइड’’ एक संपर्क नाशक है। उन्होंने बताया कि पेप्टाइड अणुओं के रूप मंे होने के कारण इसे चिकित्सा उपकरणों की सतहो पर स्थिर करना आसान है ताकि एंटीफिंलग सतहो के रूप मे बनाया जा सके। जो कि बायोफिल्म के संक्रमण को रोकने में सहायक हैं।
इस अवसर पर डॉ0 आर0 पी0 चढढा, चेयरमैन व श्री अर्पित चढढा, वाइस-चेयरमैन, आई0 टी0 एस-दि एजुकेशन ग्रुप ने कॉन्फ्रेंस मे भाग लेने वाले सभी छात्रों व डेलीगेट्स को उनके अनुसंधान के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस कॉन्फ्रेंस से छात्रों व शिक्षको को मैटरियोविजिलैंस तथा हेल्थ केयर के क्षैत्र मे नई तकनीकियों के उपयोग व अनुसंधान की जानकारी प्राप्त हुई।
इस अवसर पर डॉ0 राजकुमारी सभी डेलीगेट्स, वक्ताओं, अतिथियों तथा सभी शिक्षकों के साथ-साथ सेमिनार के संयुक्त कोडिनेटर डॉ0 मनोज कुमार शर्मा, डॉ0 शालिनी साहनी, डॉ0 मधु वर्मा को धन्यवाद ज्ञापित किया।
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