Ghaziabad : 11 अक्टूबर को पूरी दुनिया में इंटरनेशनल गर्ल चाइल्ड डे मनाया जाता है. इसी कड़ी में गर्ल चाइल्ड डे मनाने के पीछे का कारण है दुनिया भर में लड़कियों के अधिकारों, चुनौतियों और अवसरों को लेकर ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक करना. यह न सिर्फ जेंडर इक्वालिटी को बढ़ावा देता है.
बल्कि स्वास्थ्य, शिक्षा और लड़कियों को सुरक्षित वातावरण प्रदान करने का वकालत करता है. हम दुनिया भर में लड़कियों के अधिकारों, चुनौतियों और अवसरों को पहचानने के लिए अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाते हैं. यह न केवल लैंगिक समानता को बढ़ावा देता है, बल्कि स्वास्थ्य, शिक्षा और सुरक्षित वातावरण के उनके अधिकारों को सुनिश्चित करता है.
यह दिन लड़कियों के पोषण और समर्थन के महत्व को रेखांकित करता है क्योंकि वे मजबूत, आत्मविश्वासी और निपुण महिला बनती हैं. अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस एक अनुस्मारक के रूप में कार्य करता है कि हमें हर जगह लड़कियों के लिए एक उज्जवल भविष्य बनाने के लिए सामूहिक रूप से काम करना चाहिए
प्रत्येक लड़की को सितारों तक पहुंचने, बाधाओं को तोड़ने और अपने और अपने समुदाय के लिए एक उज्जवल भविष्य बनाने के लिए सशक्त बनाया जाए. इस अवसर पर डॉक्टर निधि वर्मा ने बताया लड़कियों को बराबरी का दर्जा दिया जाना चाहिए आजकल यही मामलों में देखा जाता है कि लड़कों से कम तनख्वाह कई जगह पर मिलती है जिसे हम लैंगिक असमानता के खिलाफ है हम इस सामान्य को दूर करने के लिए पूरे देश में जागरूक अभियान चलाए जा रहे हैं लेकिन रूढ़िवाद के चलते अभी लड़कियों को कई पाडाओ पर करने अभी बाकी है आज वैश्विक लैंगिक अंतराल सूचकांक- 2023 में भारत 146 देशों में 127वें स्थान पर रहा। वही मैं समूचे देश को यह संदेश देना चाहती हूं हर जगह लड़कियों के साथ भेदभाव नहीं करना चाहिए यह संविधान में भी भेदभाव के खिलाफ अनुच्छेद 15 (1) दिया गया है यह कानूनी रूप से भी दंडनीय है मैं यह संदेश देना चाहती हूं लैंगिक असमानता को दूर करने के लिए हम सब लोगों को एक साथ होकर इस सामाजिक कुरीतियों को मिटाने के लिए एक साथ काम करना चाहिए तभी इन कुर्तियां पर हम विजय प्राप्त कर सकेंगे और एक स्वच्छ समाज का निर्माण हो सकेगा जिस समाज में लैंगिक असमानता नहीं होगी
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