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वार्षिक उत्सव मातृमणिका का आयोजन हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ

Ghaziabad : शिक्षा और संस्कार के पर्याय के.डी.बी.विद्यालय प्रांगण में उत्साह , जोश, स्फूर्ति और मन को आनंदित करने वाली गूंज प्रतिध्वनित हुई जब स्वर्णिम संध्या में वार्षिक उत्सव मातृमणिका का आयोजन हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ। उत्साही और आशावादी व्यक्तित्व की धनी प्रख्यात भरतनाट्यम नृत्यांगना पद्मश्री विभूषित प्रतिभा प्रहलाद जी ने मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित होकर इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई,। इनकी सेवाएँ कला और संस्कृति के क्षेत्र में इनके द्वारा किए गए उत्कृष्ट कार्यो में सदैव प्रतिबिम्बित होती रही हैं। नृत्य इतिहास में इनका कार्य अनुपम और अद्वितीय है। कार्यक्रम मातृमणिका में मां के रक्षक मित्र और गुरु स्वरूप की अद्भुत अलौकिक प्रस्तुति ने दर्शकों को मंत्र मुग्ध कर मातृशक्ति को हृदय से नमन करवाया। इस कार्यक्रम ने इस तथ्य को उद्घोषित किया कि धरती पर माता के रूप में नारी अपने सबसे पवित्रतम रूप में हैऔर उसे ईश्वर से बढ़कर सम्मान दिया गया है। क्योंकि वह ईश्वर की भी जन्मदात्री है।
विद्यालय चेयरमैन श्री नरेश कुमार बजाज, श्री अश्विनी बजाज , श्रीमती वंदना बजाज कार्यकारिणी समिति के प्रबंधक श्री ऐ.के. बग्गा तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित थे। स्कूल ऑर्केस्ट्रा के मधुर संगीत स्वरों के साथ प्रधानाचार्या श्रीमती निवेदिता राणा उपप्रधानाचार्या श्रीमती नम्रता दूबे जी ने अतिथियों का स्वागत नन्हें पौधें भेंट करके किया जिससे सृष्टि सृजन की कड़ी को आगे बढ़ाया जा सके। मुख्य अतिथि द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ विधिवत कार्यक्रम आरंभ हुआ।
प्रधानाचार्या द्वारा विद्यालय की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की गई तथा वर्ष भर की शैक्षिक सह शैक्षिक उपलब्धियों और स्कूल में हुए नवीन परिवर्तनों से सबको अवगत कराया और विद्यालय द्वारा कक्षा 10 व 12 के मेधावी विद्यार्थियों को विशेष योग्यता प्राप्त करने पर पुरस्कृत किया गया| इसके पश्चात आरंभ हुआ मुख्य कार्यक्रम मातृमणिका जिसमें 450 छात्र छात्राओं ने अपने अभिनय व नृत्य से समां बांध दिया और तालियों से मैदान गूंज उठा| इस सुंदर नृत्य नाटिका ने दर्शकों को भाव विभोर कर दिया। कार्यक्रम ‘मातृमणिका ने छात्र छात्राओ को यह संदेश दिया कि शील साहस और संस्कारों से अपने व्यक्तित्व को पोषित कीजिए जिससे आपकी अमिट छाप दूसरों के हृदय में अंकित हो जाए।
कार्यक्रम के पश्चात मुख्य अतिथि ने अपने संबोधन में जीवन के हर क्षेत्र में अनुशासन व सद् चरित्र की महत्ता बताते हुए निर्भिक साहसी वह अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने की प्रेरणा दी इसके साथ साथ ही उन्होंने कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए छात्र छात्राओं को उनके उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी और उनको आशीर्वाद दिया कि वे जीवन की सभी बाधाओं को पार कर यशस्वी बने।|
 सभी अतिथियों तथा अभिभावकों को कार्यक्रम की सफलता में सहयोग प्रदान करने हेतु धन्यवाद दिया और इसी के साथ कार्यक्रम का समापन राष्ट्रीय गान के साथ संपन्न हुआ|

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