जीपीए ने 15% फीस और आरटीई के दाखिलों पर अधिकारियो की चुप्पी पर उठाए सवाल
गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन ने कोर्ट के 15 प्रतिशत फीस वापसी के आदेश और 2531 आरटीई के दाखिलों पर शिक्षाधिकारियों एवम जिलाधिकारी के बेहद उदासीन रवैये पर सवाल उठाए है गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन की अध्य्क्ष सीमा त्यागी ने बताया कि जहाँ एक तरफ शिक्षा सत्र 2020-21की 15% फीस वापसी के आदेश को आये लगभग 11 महीने बीत गये वही निजी स्कूलों में आरटीई के अंतर्गत दुर्बल वर्ग एवम अलाभित समूह में चयनित शेष बचे लगभग 2531 बालक / बालिका 9 महीने बीत जाने के बाद भी स्कूलो और अधिकारियों के चक्कर लगाने को मजबूर है उसके बाद भी सरकार के आला अधिकारी गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन की तमाम कोशिशों के बाद भी आदेश का पालन नही करने वाले स्कूलो पर कार्यवाई करने के लिए तैयार नही है ये बेहद हैरान करने वाला है कि "बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ " का नारा देने वाली सरकार शिक्षा के अहम मुद्दे पर निरन्तर चुप्पी साधे है अधिकारियों एवम प्रदेश सरकार के मंत्री द्वारा इन दोनों मुद्दों पर मीटिंग के माध्य्म से स्कूलो को नोटिस और चेतावनी तो दी जाती है लेकिन नोटिस और चेतावनी बेअसर होने पर स्कूलो पर कार्यवाई के नाम पर शून्य हो जाते है जो अभिभावको को सोचने के लिये विवश करता है कि आखिर हम इन सरकारो को चुनते क्यो है आखिर कब तक ये सरकारें पूंजीपतियों और उधिगपति शिक्षा के व्यापारियों के आगे बेबस और लाचार बनकर प्रदेश के करोड़ो अभिभावको और बच्चों के हितों को प्रभावित करती रहेगी गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री जी से अपील करती है कि एक वार वो स्वयं अपने अधिकारियों से पूछे कि आरटीई अधिनियम 2009 के अंतर्गत चयनित बच्चों का दाखिला कराना और कोर्ट के 15 % फीस वापसी के आदेश का पालन कराना किसकी जिम्मेदारी है हम उम्मीद करते है प्रदेश के मुख्यमंत्री अपने अधिकारियों के माध्य्म से प्रदेश के लाखों बच्चों की 15 % फीस वापस और आरटीई के दाखिले सुनिश्चित कराएंगे और जो अधिकारी इन आदेशों का पालन कराने में कोताही बरतेंगे उन पर सख्त कार्यवाई सुनिश्चित करेंगे ।
0 टिप्पणियाँ