गाजियाबाद: आर्य समाज अवंतिका से वैदिक विदुषी डा प्रतिभा सिंघल ने अपने लेख के माध्यम से बताया है कि भारतीय नव वर्ष 2081 का शुभारंभ चैत्र शुक्ला प्रतिपदा अर्थात चैत्र महीने की शुक्ल पक्ष की प्रथम तिथि तदनुसार 9 अप्रैल दिन मंगलवार 2024 को होगा।यह हमारी भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग है।सारे त्यौहार,विवाह आदि सभी संस्कार विक्रम संवत के पंचांग के अनुसार मनाए जाते हैं।वैदिक युग में ही देश और काल के महत्व को देने वाले ऋषियों ने संवत्सर के महत्व को समझा।पूर्णिमा के दिन चंद्रमा जिस नक्षत्र में होता है।उसी के आधार पर महीनों का नामकरण किया गया।भारतीय वर्ष के 12 माह चैत्र,वैशाख,ज्येष्ठ आषाढ़,भादप्रद,आश्विन,कार्तिक, मार्गशीर्ष,पौष,माघ,फाल्गुन आदि नक्षत्र पर आधारित हैं।चैत्र शुक्ल प्रतिपदा का अपना ऐतिहासिक महत्व है।सृष्टि का आरम्भ इसी दिन माना जाता है।अतः यह सृष्टि संवत् भी कहलाता है।भगवान श्री रामचंद्र जी का राज्याभिषेक भी इसी दिन हुआ था।सम्राट विक्रमादित्य ने शकों के अत्याचारों से कई राज्यों को मुक्त कराकर अपना शासन स्थापित किया था।इसी विजय की स्मृति में विक्रम संवत् का प्रारंभ हुआ।इसी दिन महर्षि दयानंद ने आर्य समाज की स्थापना विक्रम संवत 1932 तदानुसार सन् 1875 में की थी।पंजाब में बैसाखी का पर्व 13 अप्रैल को नव वर्ष के रूप में मनाया जाता है।जो इसी तिथि के आसपास होता है।इस समय सारी प्रकृति का सौंदर्य पूर्ण यौवन में होता है।खेत -खलियान अनाजों से भरपूर होते हैं।किसान भी हर्षोल्लास से मना रहे होते हैं।बाग -बगीचे कलियों,खिले हुई पुष्पों से लदे हुए हैं।सारी प्रकृति नवीनता का संदेश दे रही है।मौसम बड़ा सुहावना होता है।ईस्वी सन् ईसा से संबंधित है।जनवरी माह से प्रारंभ होने वाला अंग्रेजी कैलेंडर हमारी दासता का अवशेष है। भारतीय नववर्ष पूर्ण ज्योतिष शास्त्र के अनुकूल है।विक्रम संवत ईस्वी सन् से 57 वर्ष पहले से प्रचलित है।सैकड़ो वर्ष की गुलामी के पश्चात हमारा वित्तीय नव वर्ष अप्रैल से ही प्रारंभ होता है।अंग्रेजी कैलेंडर में कभी पहले 10 माह और 310 दिन होते थे।बाद में 12 माह हुए।
हमारा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है।अब समय आ गया है कि पूर्ण रूप से सांस्कृतिक आजादी को अपनाने का।मेरी अभिलाषा है कि पूरे भारत में हर राज्य, में हर नगर में,हर गांव में भारतीय नव वर्ष 9 अप्रैल को हर्षोल्लास से मनाया जाए।फौज में,पुलिस में,सभी प्रशासनिक कार्यालयों,प्राइवेट कंपनियों में सभी स्थानों पर नव वर्ष की बधाइयां दी जाए।
माननीय शिक्षा अधिकारियों से मेरा निवेदन है यदि संभव हो सके तो एक ऐसा आदेश निर्गत किया जाए कि सभी शिक्षण संस्थानों में भारतीय नव वर्ष के विषय में बताया जाए और मनाने की प्रेरणा दी जाए।तो एक अच्छा प्रयास सिद्ध हो सकता है।
सभी को नव वर्ष शुभ हो।नववर्ष मंगल में हो।सर्वे भवंतु सुखिनः।
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