Ghaziabad : 75 साल का एक बूढ़ा प्रधानमंत्री जिसने एक भी दिन छुट्टी नहीं ली और लगातार भारत माता की सेवा पिछले 10 सालों से प्रधानमंत्री के रूप में कर रहा है, जब उसकी सेवाओं का परिणाम देने का समय आया तो हिंदुओं को गर्मी सताने लगी और वोट की लाइनों में लगने से कतरने लगे , बीजेपी चुनाव जीत रही है ऐसा हमारा विश्वास जरूर है लेकिन हिंदू मतदाताओं को जगाना जरूरी है
-21 राज्यों की 102 लोकसभा सीटों पर पहले चरण का मतदान संपन्न हो गया है लेकिन यह अत्यंत दुख का विषय है किस 2019 में इन्हीं सीटों पर वोट प्रतिशत करीब 70% था लेकिन इन्हीं सीटों पर इस बार वोट प्रतिशत सिर्फ 65% ही रहा है
-बिहार जहां पर बीजेपी बहुत बड़ी सफलता की उम्मीद कर रही है वहां पर 2019 के मुकाबले वोट प्रतिशत 10 तक गिर गया है जैसे ही वोट प्रतिशत गिरने की खबरें आई वैसे ही सत्य hindi . com रवीश कुमार अजीत अंजुम सारे कम्युनिस्ट पत्रकार, अपने यूट्यूब चैनल पर उछलने लगे . मानो उन्होंने जंग ही जीत ली है हालांकि आगे जाकर उनको रोना होगा.
*कविता सिरोही*
-लेकिन भाजपा कार्यकर्ताओं से यह रिपोर्ट सामने आ रही है की कई लोकसभा सीटों पर जहां पर बीजेपी आसानी से चुनाव जीत रही थी वहां हिंदू वोटरों की आलस की वजह से मामला कांटे का हो गया है यह अत्यंत दुख का विषय है
-एक तरफ जहां मुसलमान वोट डालने के लिए छुट्टियां लेकर दुबई से भी हिंदुस्तान आने को तैयार हैं वहीं दूसरी तरफ वोट को लेकर हिंदुओं का आलसपन आत्मघाती नजर आता है
-हिंदुओं से प्रार्थना है कि इस संदेश को सभी व्हाट्सएप ग्रुप में पहुंचा दें और साथ ही यह अपील है की वोट देने के लिए आरएसएस और बीजेपी के कार्यकर्ताओं पर बोझ बनने की पुरानी आदत से बाज आएं ! जिस तरह मुसलमान स्वत:स्फूर्त घर से बाहर निकाल कर वोट देता है इस तरह हिंदुओं को भी खुद बाहर निकाल कर फौरन वोट देकर आना चाहिए
-बड़े दुख की बात है कि बच्चा भी एक ही दो पैदा करना है और वोट भी देने नहीं जाना है ! अगर शेर आलस में यूं ही पड़ा रहेगा तो काम कैसे चलेगा? देश सनातन राष्ट्र कैसे बनेगा यह बड़ा सवाल है?
0 टिप्पणियाँ