गाजियाबाद। साली के अपहरण का विरोध करने पर उसके पति तालिब की गोलीमार कर हत्या करने के दोषी साढू छुटवा को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। दोषी पर अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश इंदू द्विवेदी कोर्ट ने 13 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है।
अदालत ने छुटवा के एक सहयोगी अबरार को एक वर्ष और दूसरे दोषी नसीम को छह महीने कारावास की सजा सुनाई है। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि थाना मसूरी क्षेत्र के नाहल गांव निवासी तालिब की शादी वर्ष 2004 में सिंभावली निवासी रजिया के साथ हुई थी। वही वादी अधिवक्ता कुंवर मोज्जम खान, मौ०अफसर अली, मौ०सुहैल जानकारी देते हुऐ बताया कि, 30 अगस्त 2005 को रजिया का बहनोई छुटवा अपने दो साथियों के साथ उसके घर आया और रजिया को खींचकर ले जाने लगा। इस बात का रजिया के पति तालिब ने विरोध किया।
इससे नाराज होकर छुटवा और उसके साथियों ने तालिब की गोली मारकर हत्या कर दी। मृतक के मामा यामीन ने मामले की रिपोर्ट छुटवा, अबरार और नसीम के
खिलाफ दर्ज कराई थी। पुलिस ने रिपोर्ट के आधार पर तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। बुधवार को कोर्ट ने मामले की अंतिम सुनवाई करते हुए पेश सबूत और गवाहों के बयान के आधार पर तीनों आरोपियों को दोषी करार दिया। कोर्ट ने छुटवा को अपहरण का प्रयास करने और हत्या करने के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अभियुक्त पर 13 हजार रुपये के अर्थदंड भी लगाया है।
वहीं अबरार को 25 आर्म्स एक्ट में एक वर्ष के कारावास और एक हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है, जबकि नसीम को आर्म्स एक्ट में छह महीने के कारावास और एक हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है।
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