Ghaziabad : डॉ एसपी पाण्डेय कहते है की यदि आपके पशु दीवार चाटते हैं। अच्छा और मिट्टी ऒर दूसरे पशुओं का पेशाब भी पीते है। उनके पास पड़ा कपड़ा, थैला, जूता, बैग आदि हो तो चबाने लगते है।तो यह शरीर मे फास्फोरस की कमी है। शरीर मे लम्बे समय तक कमी होने पर उपरोक्त लक्षण दिखाई पड़ते है और बीमारी को पाईका (PICA) के नाम से जाना जाता है।
आप अपने पशुओं के व्यवहार का अगर हम बारीकी से निरीक्षण करें तो उनकी बहुत सी बीमारियों का पता बिना किसी डॉक्टरी जांच के चल जाता हैं। पशुओं में जब फॉस्फोरस की कमी होती है, तो ऊपर बताए गए सब लक्षण सामान्यतः दिखाई देने लगते हैं। उक्त के अतिरिक्त कम उम्र के पशुओं में रिकेट्स (हड्डियों का टेड़ा होना) तथा बड़े उम्र के पशुओं में ऑस्टिओमलेशिया (हड्डियों का मुलायम होना) हो जाता है। शरीर के बाल की चमक कम हो जाती है और बाल उलझे-उलझे रहते है। पशु सुस्त रहता है। वजन में कमी आती है। मांस पेशियों में दर्द रहता है, चलने में लंगलाहट नजर आती है। पशु असामान्य तरीके से खड़ा रहता है। दुधारू पशु के दूध में कमी आती है। खून का टूटना ( INTRAVASCULAR HEMOLYSIS ) और DOWNERS COW SYNDROME बीमारी भी कर सकता है।
*आईए जानते है पशुओं में फॉस्फोरस की कमी क्यों हो जाती है?*
पशु चारा उगाने की जमीन में अगर फॉस्फोरस की कमी हो जाएगी तो उस भूमि में उगी चारा फसलों में भी फॉस्फोरस की कमी हो जाएगी और उन चारा फसलों को खाने वाले पशुओं में भी फॉस्फोरस की कमी हो जाएगी और उपरोक्त सभी लक्षण दिखाई देने लगेंगे। अगर पशु के रातिब मिश्रण में चोकर नहीं मिलाया गया है तो भी फॉस्फोरस की कमी हो सकती है। फॉस्फोरस चूंकि दूध में भी स्रावित होता है इसलिए दुधारू पशुओं के चारे दाने में उचित मात्रा में फॉस्फोरस मौजूद ना होने पर भी उन पशुओं में फॉस्फोरस की कमी हो जाती है।
*पशुओं को फॉस्फोरस चारा फसलों के अलावा और कहाँ से मिलता है?*
फास्फोरस चारा फसलों और अनाजों के छिलकों में बहुतायत में पाया जाता है या फिर रातिब मिश्रण में मिलाया जाने वाला विटामिन मिनरल मिक्सचर इसका अच्छा स्रोत है।
*पशुओं में फॉस्फोरस की कमी होने से क्या क्या नुकसान हो सकते हैं?*
पशुओं में फॉस्फोरस की कमी होने पर
1. पशुओं की भूख कम हो जाएगी।
2. पशु उन सभी चीजों को खाने की कोशिश करेगा जो उसे नहीं खानी चाहिए। वास्तव में वह दीवार चाट कर, मिट्टी खाकर या दूसरे पशुओं का पेशाब चाटकर अपनी फॉस्फोरस की कमी को पूरा करना चाहता है।
3. अवयस्क पशुओं की बढ़वार कम हो जाएगी।
4. फॉस्फोरस की कमी होने पर पशु की प्रजनन क्षमता प्रभावित होगी। पशु हीट / गर्मी में नहीं आएंगे।
5. पशुओं की हड्डियां कमजोर हो जाएंगी
*पशुओं में फॉस्फोरस की कमी ना हो के लिए क्या करें?*
1. चारा फसलें उगाते समय खेत में उचित मात्रा में N:P:K डालिये।
2. पशुओं के लिए रातिब मिश्रण बनाते समय उसमें 30 से 40 प्रतिशत चोकर जरूर रखिए।
3. रातिब मिश्रण बनाते समय उसमें 2 प्रतिशत की दर से उत्तम गुणवत्ता का विटामिन मिनरल मिक्सचर जरूर मिलाइए।
4. पशुओं को बहुत अधिक मात्रा में कैल्शियम देने पर भी फॉस्फोरस की कमी हो जाती है इसलिए पशुओं को केवल कैल्शियम ही कैल्शियम नहीं खिलाते रहना है।
5. पशुओं में अगर ऊपर बताये गए लक्षण दिखाई दें तो पशुओं को नजदीकी पशुचिकित्सा अधिकारी की देख-रेख में कम से कम पांच दिन तक फॉस्फोरस के इंजेक्शन लगवाइए।
*डॉ एसपी पाण्डेय*
मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारी
गाजियाबाद
9412313943
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