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अच्छी शिक्षा सामाजिक बुराईयों को दूर करने में मद्द करती है और व्यक्ति, समाज और राष्ट्र के समग्र विकास में महत्वपूर्ण योगदान करती - प्रिया उपाध्याय

नारी शक्ति की अनुपम मिसाल है तिलवाड़ा की प्रिया उपाध्याय, हर घड़ी अंतिम घड़ी है, ऐसी सोच के साथ हमें कर्म और पुरूषार्थ करना चाहिए और विपरीत परिस्थितियों में हमें विचलित नही होना चाहिए - प्रिया उपाध्याय

बागपत, उत्तर प्रदेश। जनपद बागपत के तिलवाड़ा गांव की रहने वाली प्रिया उपाध्याय नारी शक्ति की अनुपम मिसाल है। विलक्षण प्रतिभा की धनी प्रिया उपाध्याय का जन्म एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ है। उनके पिता आरआरडी उपाध्याय एक जाने-माने पत्रकार और प्रमुख समाजसेवी है। प्रिया उपाध्याय अपने संस्कारों, देशभक्ति, परोपकार, आदि से अपने परिजनों का नाम रोशन कर रही है और जनपद बागपत को देशभर में गौरवान्वित कर रही है। प्रिया उपाध्याय ने वर्ष 2022 में श्री दिगम्बर जैन इंटर कॉलिज छपरौली से 85 प्रतिशत अंकों के साथ 10 वीं व वर्ष 2024 में 81 प्रतिशत से अधिक अंकों के साथ पीसीएम विषय में 12 की परीक्षा उत्तीर्ण की है। वर्ष 2022 में प्रिया उपाध्याय ने कम्प्यूटर का बेसिक ज्ञान प्राप्त किया था और अब वह कम्प्यूटर में टैली विषय का अध्ययन कर रही है। वह बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि की धनी है और देशभक्ति की भावना उनमें कूट-कूट कर भरी है। वर्तमान में वह एक अच्छी योग गुरू है और शुद्ध मंत्र उच्चारण और गायन में उनकी अच्छी पकड़ है। वह लाठी चलाना जानती है और एक मोटिवेशनल स्पीकर भी है। वह एक कुशल मंच संचालक भी है। वह समय-समय पर लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करती है ओर उनको पर्यावरण की महत्ता से अवगत कराती है। वह लोगों को स्वदेशी अपनाने को जागरूक करती है। वह कभी भी अपना समय व्यर्थ नही जाने देती और अपना समस्त समय स्वाध्याय और दूसरों की भलाई में लगाती है। वर्तमान में 12 वीं परीक्षा देने के उपरान्त छुट्टियों के दिनों में उन्होंने बच्चों को ज्ञान प्रदान करने के लिए एक समर कैंप का आयोजन किया है। कैंप में कक्षा 6 से कक्षा 10 तक के सीबीएसई और यूपी बोर्ड के बच्चों को टयूशन क्लास दे रही है, जिसमें वह कक्षा 9 व कक्षा 10 की छात्राओं को निशुल्क टयूशन प्रदान कर रही है। प्रिया उपाध्याय अपनी समस्त उपलब्धियों का श्रेय अपने गुरूजनों, अपनी माता रेखा रानी, पिता आरआरडी उपाध्याय, छोटे भाई युवराज सूर्या और सहयोगियों को देती है। प्रिया उपाध्याय कहती है कि हर घड़ी अंतिम घड़ी है, ऐसी सोच के साथ हमें कर्म और पुरूषार्थ करना चाहिए और विपरीत परिस्थतियों में हमें विचलित नही होना चाहिए। हर घड़ी हमें सत्य को स्वीकार करना चाहिए। सत्य कुछ समय के लिए परेशान तो हो सकता है, लेकिन वह पराजित नही हो सकता। परमेश्वर का हर समय ध्यान करना चाहिए। समय को नाम मात्र भी व्यर्थ नहीं गवाना चाहिए और ऐसे कार्य करने चाहिए, जिससे सभी का कल्याण हो। प्रिया उपाध्याय कहती है कि अच्छी शिक्षा व्यक्ति के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। वह व्यक्ति को आत्मनिर्भर बनाती है। शिक्षा सामाजिक बुराईयों को दूर करने में मद्द करती है और समाज और राष्ट्र के समग्र विकास में महत्वपूर्ण योगदान करती है। प्रिया उपाध्याय ने बताया कि वे एक अच्छी शिक्षक बनकर समाज व राष्ट्र की सेवा करना चाहती है।

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