Hot Posts

6/recent/ticker-posts

NEET की परीक्षा में धांधली करने वाली संस्था NTA पर कार्यवाई करे सरकार :- सीमा त्यागी

NEET की परीक्षा को रद्द कर दुबारा कराए सरकार - सीमा त्यागी 

Ghaziabad : इस साल देश के लगभग 24 लाख बच्चो ने डॉक्टर बनकर अपने देश की सेवा करने का सपना साकार करने का संकल्प को पूरा करने के लिए देश की सबसे बड़ी संस्था एनटीए ( नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ) के माध्यम से नीट की परीक्षा दी 
जो शुरू से ही विवादों में रही. रविवार, 5 मई यानी जिस दिन नीट यूजी का आयोजन किया गया था, उस दिन कई परीक्षा केंद्रों पर छात्रों का देर से पेपर बांटे गए, छात्रों का समय बिना किसी कारण बर्बाद किया गया, जिसकी वजह से छात्र अपना पूरा पेपर नहीं दे सकें. वहीं नीट पेपर लीक की खबरें भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई थी, लेकिन एनटीए शुरू से ही इन खबरों को अफवाह बता कर खंडन करता रहा लेकिन ये खंडन तब संदेह के घेरे में बदल गया जब नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने नीट यूजी यानी नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेस टेस्ट द्वारा 14 जून को रिजल्ट जारी करने की घोषणा कर 4 जून जिस दिन देश की जनता चुनाव परिणाम देखने में व्यस्त थी उसी दिन नीट परीक्षा का रिजल्ट जारी कर दिया इस वर्ष 24 लाख से अधिक बच्चों ने नीट की परीक्षा दी है, जिसमें लगभग 13.16 लाख छात्रों को सफलता मिली है. इस वर्ष नीट परीक्षा 2024 में कुल 67 कैंडिडेट्स ने ऑल इंडिया रैंक 1 (AIR) हासिल किया है. इन सभी कैंडिडेट्स को नीट परीक्षा 2024 में 720 में से 720 अंक और 99.9971285 पर्सेंटाइल हासिल किया है. नीट यूजी में एक साथ 67 कैंडिडेंट्स के 720 में से 720 अंक लाने पर सवाल उठना स्वाभाविक है. कई कोचिंग इंस्टीट्यूट और कैंडिडेट्स का यह तर्क है कि जहां नीट यूजी में एक या दो बच्चों को 720 में 720 अंक मिलते थे, वहीं इस बार 67 कैंडिडेट्स को 720 में से 720 अंक कैसे मिल सकते हैं.मजे की बात यह है की इसमें आठ कैंडिडेट्स एक ही परीक्षा केंद्र से है. अब जब नीट यूजी में एक साथ 67 बच्चों को 720 में 720 यानी 99.9971285 पर्सेंटाइल मिले हैं तो लोगों को आश्चर्य हुआ है कि ऐसा कैसे हो सकता है. वहीं एनटीए द्वारा दिए गए ग्रेस मार्क्स के कारण छात्रों को 718, 719 अंक मिले हैं जो नीट की मार्किंग स्कीम से असंभव जान पड़ता है. नीट यूजी परीक्षा कुल 720 अंकों की होती है, ऐसे में जिन बच्चों को 720 में 720 अंक मिले हैं, इसका मतलब है कि उन्होंने किसी प्रश्न का गलत जवाब नहीं दिया है. वहीं एक प्रश्न गलत जवाब देता है तो उसे 715 अंक और एक सवाल छोड़ता है तो उसे 716 अंक मिलने चाहिए. लेकिन एटीए ने छात्रों को 718 और 719 अंक दिए हैं. एनटीए कहता है कि उसने उम्मीदवारों को उनकी उत्तर देने की क्षमता और खोए हुए समय के आधार पर मुआवजा के तौर पर ये अंक दिए हैं, जो कहीं से भी तार्किंक प्रतीत नही होता है. पिछले एक हफ्ते से हजारों कैंडिडेट और उनके माता पिता अपने बच्चो के भविष्य के साथ हुए खिलवाड़ और परीक्षा को रद्द करने के लिए सड़को पर उतरे हुए है उसके बाद भी सरकार और उनके केंद्रीय शिक्षा मंत्री की तरफ से कोई बयान जारी नही किया गया है जिसके कारण बच्चो को सुप्रीम कोर्ट का रुख करने के लिए मजबूर होना पड़ा है जो एक बड़ा सवाल खड़ा करता है की जब जनता को न्याय कोर्ट के माध्यम से ही मिलना है तो इन सरकारों और मंत्रियों का देश के युवाओं को जरूरत ही क्या है ? देश के युवाओं के आक्रोश को समझते हुए सरकार और परीक्षा आयोजित करने वाली संस्था एनटीए को नीट की परीक्षा रद्द कर दुबारा पारदर्शी तरीके से परीक्षा को आयोजित कराया जाए जिससे की बच्चो के उज्ज्वल भविष्य को बर्बाद होने से बचाया जा सके और परीक्षा आयोजित कराने वाली संस्थाओं पर विश्वास कायम हो सके 

सीमा त्यागी , अध्यक्ष
गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ