गाजियाबाद (साहिबाबाद) निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के पावन आशीर्वाद से सन्त निरंकारी सत्संग भवन राजेंद नगर साहिबाबाद में बाल सन्त समागम का भव्य रूप में आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में बच्चों ने पंजाबी, हिंदी और अंग्रेजी भाषाओं में कविता, गीत एवं भजन जैसी सुंदर प्रस्तुतियां देकर एक भक्तिमय वातावरण निर्मित किया। इस संत समागम में साहिबाबाद ब्रांच के अतिरिक्त आसपास के क्षेत्रों से काफी संख्या में बाल संत सम्मिलित हुए और उन्होंने ज्ञानवर्धक शिक्षाओं को ग्रहण करते हुए समागम का भरपूर आनंद प्राप्त किया।
बाल संत समागम में दिल्ली से सम्मिलित हुए श्री विनय कबीर ने उपस्थित सभी संतों को सम्बोधित करते हुए कहा कि भक्ति किसी भी आयु की अधीन नहीं होती। इसका आरम्भ ब्रह्मज्ञान लेने के उपरांत ही हो जाता है। बच्चों के जीवन में आध्यात्मिक चेतना का विशेष स्थान है। जिस प्रकार एक नन्हें पौधे के चारों ओर सुरक्षा घेरा बनाकर उसे सुरक्षित रखा जाता है ताकि उसे किसी प्रकार का नुकसान न हो। फिर वह समयानुसार बड़ा होकर एक वृक्ष का रूप ले लेता है तदोपरांत उस वृक्ष से हमें मीठे-मीठे फलों के साथ ठंडी छांव भी प्राप्त होती है। ठीक उसी प्रकार यदि हम बच्चों को बचपन से ही आध्यात्मिक चेतना की देख-रेख में रखें तब वही बच्चे आगे चलकर एक अनुशासित एवं मर्यादित गुरसिख के रूप में निखरकर हमारे सामने आते है। फिर उनके जीवन पर इस माया रूपी संसार में व्याप्त कुरीतियों का कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता। ऐसा ही सुंदर जीवन जीने की शिक्षा सतगुरु माता जी द्वारा दी जा रही है जिसके अनुसरण से घर का वातावरण, हमारा आचरण सब सुंदर बन सकता है।
इस अवसर पर सेक्टर इंचार्ज श्री इंद्रजीत सिंह आहलूवालिया ने वहां उपस्थित सभी गणमान्य अतिथियों सहित सम्मिलित बाल संगत का धन्यवाद किया।
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