श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के लिए हुए आंदोलन को निर्णायक पड़ाव देने वाले महंत अवेद्यनाथ ही थेः श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज, युगपुरुष ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ महाराज की 55वीं तथा राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ महाराज की 10वीं पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में आयोजित साप्ताहिक श्रद्धांजलि समारोह का हुआ समापन
गोरखपुर राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की 10वीं पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में आयोजित श्रद्धांजलि समारोह में शनिवार को गोरक्ष पीठाधीश्वर व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने गुरू महंत अवेद्यनाथ को श्रद्धांजलि अर्पित की। श्री दूघेश्वर नाथ मंदिर के पीठाधीश्वर, श्री पंच दशनाम जूना अखाडा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता, दिल्ली संत महामंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व हिंदू यूनाइटिड फ्रंट के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज समेत देश के प्रमुख संतों ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर चलाए गए आंदोलन में महंत अवेद्यनाथ के अहम योगदान को याद किया। गोरक्ष पीठाधीश्वर व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि महंत अवेद्यनाथ का जीवन धर्म, सेवा, त्याग और नेतृत्व का प्रतीक था। उन्होंने गोरखनाथ मठ की परंपराओं को न केवल संजोया, बल्कि उनका समाज की भलाई के लिए उपयोग किया। शिक्षा व स्वास्थ्य के क्षेत्र में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। राम जन्मभूमि आंदोलन में उनकेे नेतृत्व ने ही पूरे देश को जागृत करने का काम किया, जिसके चलते आज अयोध्या में श्री रामजन्म भूमि पर रामलला के भव्य मंदिर का निर्माण हुआ है। समाज में फैले छूआछूत को मिटाकर उन्होंने हिंदू धर्म को एकजुट करने का कार्य किया। जगतगुरू रामानुजाचार्य स्वामी वासुदेवाचार्य महाराज विद्या भास्कर ने कहा कि महंत अवैद्यनाथ ने समाज, देश, धर्म की रक्षा के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था। उनका जीवन युगों-युगों तक विश्व भर के लोगों को प्रेरित करता रहेगा। श्री दूधेश्वर नाथ मंदिर के पीठाधीश्वर, श्री पंच दशनाम जूना अखाडा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता, दिल्ली संत महामंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व हिंदू यूनाइटिड फ्रंट के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन गोरक्ष पीठाधीश्वर महंत अवेद्यनाथ सामाजिक समरसता को ही आजीवन ध्येय मानने वाले ब श्रीराम मंदिर आंदोलन के नायक थे। उनका स्मरण ऐसे संत के रूप में होता है जिनमें समूचे राष्ट्र के सनातनियों की आस्था है। उन्होंने नाथपंथ की लोक कल्याण की परंपरा को धर्म के साथ राजनीति से भी जोडा और पांच बार मानीराम विधानसभा व चार बार गोरखपुर लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व भी किया। श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के लिए हुए आंदोलन को निर्णायक पड़ाव देने वाले महंत अवेद्यनाथ ही थे, जिसके लिए उन्हें युगों-युगों तक याद किया जाएगा। जगद्गुरु अनंतानंद द्वाराचार्य काशीपीठाधीश्वर स्वामी डॉ राम कमल दास वेदांती ने कहा कि महंत अवेद्यनाथ ने स्वाभिमानपूर्वक धर्म और राष्ट्र की रक्षा करना सिखाया। उनके नेतृत्व ने ही राम मंदिर आंदोलन को सफल बनाकर अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया। प्रदेश के केबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि महंत अवेद्यनाथ का जीवन हमेशा विश्व भर के लोगों को प्रेरित करता रहेगा। विधायम महंत बालकनाथ महाराज, महंत सुरेशदास महाराज, योगी चेताइनाथ महाराज, महंत शेरनाथ महाराज, जगतगुरू रामनांदाचार्य स्वामी राघवाचार्य महाराज, महंत धर्मदास महाराज, महंत राजू दास महाराज, महामंडलेश्वर वि़द्या चैतन्य महाराज, स्वामी राम दिनेशाचार्य महाराज, पीर योगी शेरनाथ महराज, महंत लालनाथ महाराज, महंत ब्रजमोहन दास महाराज, महंत बलराम दास महाराज, महंत मिथलेशनाथ महाराज, महंत रविंद्रदास महाराज, गोरखपुर के महापौर डॉ मंगलेश श्रीवास्तव, सांसद रविकिशन शुक्ल, प्रो जे पी सैनी, प्रो ए के सिंह आदि ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की। महाराणा प्रताप बालिका इंटर कॉलेज रमदत्तपुर की छात्राओं ने सरस्वती वंदना, गुरु वंदना तथा श्रद्धांजलि गीत की भावपूर्ण प्रस्तुति की। वैदिक मंगलाचरण डॉ रंगनाथ त्रिपाठी, गोरक्ष अष्टक पाठ गौरव तिवारी व आदित्य पांडेय, महंत अवेद्यनाथ स्त्रोत पाठ डॉ अभिषेक पांडेय ने किया। महंत अवेद्यनाथ को श्रद्धांजलि के साथ ही 14 सितंबर से युगपुरुष ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ महाराज की 55वीं तथा राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ महाराज की 10वीं पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में आयोजित साप्ताहिक श्रद्धांजलि समारोह का समापन हो गया और श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज तीन दिन तक गोरखपुर में रहने के बाद रविवार को भगवान दूधेश्वर की सेवा के लिए श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर में उपस्थित होंगे।
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