इस अवसर पर दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रोफेसर डॉ. (श्रीमती) आलोक शर्मा को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया। डॉ. (श्रीमती) आलोक शर्मा ने नए आपराधिक कानूनों के उद्देश्य, लाभ और चुनौतियों के बारे में विधि छात्रों को विस्तार से समझाया। उन्होंने इन कानूनों में विधायिका द्वारा जोड़े गए नए अपराधों, जैसे आतंकवाद इत्यादि, पर चर्चा की और भारतीय न्याय संहिता में किए गए बदलावों के बारे में भी जानकारी दी। इसके अतिरिक्त, उन्होंने आम नागरिकों के अधिकारों के संरक्षण के लिए किए गए संवैधानिक प्रावधानों पर भी प्रकाश डाला।
कार्यक्रम के दौरान, मुख्य अतिथि डॉ. (श्रीमती) आलोक शर्मा और कुलाधिपति डॉ. अनिल अग्रवाल ने भारतीय संविधान के महत्व और इसकी विशेषताओं के बारे में छात्रों को प्रोत्साहित किया। उन्होंने भारतीय नागरिकों के अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में भी छात्रों को बताया और यह समझाया कि संविधान उन्हें अपनी सुरक्षा के लिए कौन-कौन से अधिकार प्रदान करता है।
कार्यक्रम के समापन पर विधि विभाग के डीन प्रोफेसर धर्मेंद्र कुमार ने भी छात्रों को संविधान और विधि के महत्व के बारे में जानकारी दी और भारतीय संविधान को जानने की आवश्यकता पर जोर दिया।
इस कार्यक्रम में एल.एल.बी. के छात्रों वंशीका त्यागी, शलिनी वशिष्ठ, तन्नु तिवारी, योगिता चौधरी, पूजा शर्मा, ज्योति आदि ने अपने विचार प्रस्तुत किए। इस अवसर पर विधि विभाग के प्राध्यापक डॉ. हेमलता दास, एकता झा, सोनिका शर्मा, राहुल कुमार, मानसी त्यागी, प्रीति गौतम, डॉ. विनोद कुमार, शैलेन्द्र सोनी, डॉ. पूजा अरोड़ा और अन्य स्टाफ सदस्य, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी श्री अतुल भूषण, डॉ. शबनम जैदी और छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
इस कार्यक्रम ने छात्रों में भारतीय संविधान के प्रति जागरूकता और इसके महत्व को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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