नई दिल्ली। भारत में वर्ष 2019 के चुनाव के उपरांत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसद में एनडीए नेता चुने जाने के बाद दिए गए भाषण को याद करना चाहिए जब उन्होंने कहा कि पत्रकारों को कांग्रेस ने 70 सालों तक पाला है। प्रधानमंत्री का यह संबोधन किसी भी राष्ट्र अध्यक्ष द्वारा दिया गया एक विवादित बयान था।पत्रकारों की भूमिका देश की आजादी में भी रही है। आजादी के समय अनेक पत्रकार ने अपने घर के जेवर बेचकर अखबार को चलाया और आजादी की बात को जन-जन तक पहुंचने का सार्थक प्रयास किया। उत्तर प्रदेश के रामप्रसाद बिस्मिल का जीवित उदाहरण हमारे सामने है इस के अतिरिक्त हजारों पत्रकार ऐसे हैं जिन्होंने पत्रकारिता को अपना जीवन समर्पित कर दिया। घर के जेवर ही नहीं अन्य वस्तु बेचकर भी समाचार पत्र का संचालन करते रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन के बाद एनडीटीवी इंडिया पर सरे आम गौतम अडानी ने कब्जा कर लिया। इससे पहले पुण्य प्रसून बाजपेई को भी रोजगार कर दिया गया। समाचार चैनलों पर दबाव बनाया गया कि वाजपेई को एंकर या पत्रकार के रूप में नहीं रखा जाए। बहुत से अन्य पत्रकार भी हैं जो मोदी सरकार की नीतियों के कारण नौकरी से निकाल दिए गए। भ्रष्टाचार को उजागर करने वाले पत्रकार उसे समय हैरान रह जाते हैं जब यह देखते हैं आर एन आई और डीएवीपी जैसे संस्थान सरेआम पत्रकारों से रिश्वत की मांग करते हैं और अनेक ऐजेंट पाले हुए हैं जिनके बिना कोई कार्य नहीं होता। प्रधानमंत्री कार्यालय को इस संबंध में अवगत करवाया गया तो वहां से सीबीआई की बिजनेस विंग का नंबर दे दिया गया जबकि मांग अवस्था में सुधार की थी जो नहीं की गई। देश के चंद बड़े मीडिया उसको विज्ञापन जारी किए जाते हैं और शेष छोटे समाचार पत्र अब आपने सबसे बड़े दूर से गुजर रहे हैं। ऐसा नहीं है कि दुनिया की नजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कार्य प्रणाली पर नहीं है हालात बदल रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पत्रकार पैंट हेंगसेंग को रक्षा मंत्री की जिम्मेदारी दी है। वे देश के दूसरे सर्वोच्च संस्थान पेंटागन के प्रभारी अधिकारी होंगे लाखों सैनिक और और अनेक जनरल उनके आदेश पर कार्य करेंगे। डोनाल्ड ट्रंप ने हेली पेरिस की यात्रा की थी उसे यात्रा के दौरान में फ्रांस के राष्ट्रपति से मिले तो उन्होंने संकेत दिया की भ्रष्टाचार के प्रति फ्रेंच प्रेसिडेंट की जो नीति रही है भी उसे प्रसन्न नहीं है। वही इटालियन प्राइम मिनिस्टर मेलोनी विशेष रूप से डोनाल्ड ट्रंप से मिलने के लिए पहुंची। पूर्व में मिलने के वीडियो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ दिखाई देते थे इस बार नजारा बदला हुआ था। इटली के प्रधानमंत्री ने डोनाल्ड ट्रंप के सीने पर सर रखकर अपनी फोटो को खिंचवाया और दुनिया को संकेत दे दिया की हालत बदल रहे हैं। या संकेत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए भी था। इटली की प्रधानमंत्री मेलोनी अब डोनाल्ड ट्रंप के साथ हैं। भारत में किसानों के आंदोलन को एक बार भले ही दबा दिया गया हूं लेकिन यह आंदोलन अभी जीवित है और शीघ्र ही अपनी नई नीति घोषित कर सकता है दूसरी ओर ढाका पाकिस्तान से हथियार खरीद कर भारत की विदेश नीति को खंडित कर दिया। या एक छोटा संदेश नहीं है बल्कि एक चेतावनी है की ढाका अब पाकिस्तान के अधिक नजदीक हो गया और आने वाले समय में भारत सरकार की परेशानियों में इजाफा करने वाला है।
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