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आई0 टी0 एस कॉलेज ऑफ फार्मेसी, मुरादनगर में अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया

Ghaziabad :-आई0 टी0 एस कॉलेज ऑफ फार्मेसी, मुरादनगर में कॉलेज ऑफ फार्मेसी प्रोफेशनल्स एसोसिएशन, दिल्ली, एन0 सी0 टी0 शाखा, ए0 पी0 पी0 वेस्ट इंडीज अंतर्राष्ट्रीय शाखा तथा ए0 पी0 पी0 फार्मा एण्ड हैल्थकेयर मैनेजमेंट डिवीजन के सहयोग से ‘‘ड्रग्स डिजाइन, डिस्कवरी और फार्मास्यूटिकल साइंसेज में रुझान और चुनोतियाॅ‘‘ नामक शीर्षक पर एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ अतिथिगण और श्री सुरेन्द्र सूद डारेक्टर- पी0 आर0, आई0 टी0 एस-दि एजुकेशन ग्रुप, डॉ0 एस0 सदीश कुमार निदेशक, डाॅ0 राजकुमारी डीन, आई0 टी0 एस कॉलेज ऑफ फार्मेसी के द्वारा दीप प्रज्वलित करके किया गया।

डॉ0 एस0 सूद ने कहा कि इस कार्यक्रम मे छात्रों को दवा डिजाइन और खोज के नैदानिक पहलुओं पर ज्ञानवर्धन होगा।

डॉ0 एस0 सदीश कुमार ने सभी डेलिगेट का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह कॉन्फ्रेंस ड्रग्स डिस्कवरी और डवलपमेन्ट को जोड़ने का कार्य करेगी तथा ड्रग्स डिजाइन के क्षेत्र मे छात्रों के ज्ञान में वृद्धि करेगी।

उद्घाटन सत्र के दौरान प्रो0 राजीव दहिया, चिकित्सा विज्ञान संकाय, वेस्ट इंडीज विश्वविद्यालय, सेंट ऑगस्टीन, ट्रिनिडाड और टोबैगो ने बताया कि साइक्लो पैपटाइड को एंटिकैंसर, एंटिमलेरिया, एंटीबैक्टीरियल, एंटिवाइरल के रूप में प्रयोग कर सकते है तथा यह शिक्षा अनुसंधान व फार्मास्यूटिकल कंपनियों के लिए एक आकर्षक क्षेत्र है।

डॉ. सिमोन फे वालकॉट, सह-संयोजक एवं उपाध्यक्ष, एपीपी वेस्ट इंडीज अंतर्राष्ट्रीय शाखा ने कहा कि इस सम्मेलन का उद्देश्य फार्मास्यूटिकल के क्षेत्र मे भारत व कैरिबियन देशों के मध्य शैक्षिक व औद्योगिक साझेदारी को मजबूत करना है।

प्रो0 अजय शर्मा, फार्माकोग्नॉसी और फाइटोकेमेस्ट्री विभाग, फार्मास्युटिकल साइंसेज स्कूल, दिल्ली फार्मास्यूटिकल साइंसेज एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली ने औषधीय पौधों के पदार्थो की गुणवत्ता नियंत्रण व मानकीकरण के बारे में बताया तथा उन्होंने कहा कि हर्बल तकनीक पारंपरिक औषधियों व आधुनिक फार्मास्यूटिकल के मध्य एक पुल की भांति कार्य करता है। आज पूरे संसार को हर्बल उत्पादों को स्वीकार करने की जरूरत है।
प्रो0 ज्योति श्रीवास्तव, फार्मेसी संकाय, स्वास्थ्य देखभाल और संबद्ध विज्ञान स्कूल, जी.डी. गोयनका विश्वविद्यालय, सोहना, गुरुग्राम, हरियाणा ने ए0 एस0 एम0 आर0 का अल्जाइमर, न्यूरोट्रांसमीटर डिसऑर्डर पर पडने वाले प्रभाव के बारे में बताया।

इस सम्मेलन में देश - विदेश जैसे इथोपिया, वेस्ट इंडीज - कैरिबियन देशों के 900 से अधिक छात्रों व डेलीगेट्स ने भाग लिया तथा 300 से अधिक रिसर्च पेपर प्रदर्शित हुए।

इस अवसर पर डॉ0 आर0 पी0 चढढा, चेयरमैन व श्री अर्पित चढढा, वाइस-चेयरमैन, आई0 टी0 एस-दि एजुकेशन ग्रुप ने कॉन्फ्रेंस मे भाग लेने वाले सभी छात्रों व डेलीगेट्स को उनके अनुसंधान के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस कॉन्फ्रेंस से छात्रों व शिक्षकों को ड्रग्स डिजाइन, डिस्कवरी और फार्मास्यूटिकल साइंसेज में रुझान और चुनौतियों की जानकारी प्राप्त हुई।

इस अवसर पर डॉ0 राजकुमारी सभी डेलीगेट्स, वक्ताओं, अतिथियों तथा सभी शिक्षकों के साथ-साथ सेमिनार के संयुक्त कोडिनेटर डाॅ0 इति चैहान व डाॅ0 सागरिका माझी को धन्यवाद ज्ञापित किया।

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