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न्याय मित्र ने दिलाया इंसाफ 9 साल बाद मुलजिम हुआ बरी:- एडवोकेट अजय राठी

 गाजियाबाद:- न्यायालय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या - 6 श्री इंदु द्विवेदी की अदालत में सरकार बनाम रंजीत उर्फ विक्की पुत्र डालचंद निवासी पुराना जस्सीपुरा राय मोहल्ला थाना करावल नगर दिल्ली पर मुकदमा अपराध संख्या 131 / 2009 धारा 398 401 IPC, 25/ 4 आयुध अधिनियम के अंतर्गत थाना लोनी जिला गाजियाबाद द्वारा कराया गया था इस मामले की विवेचना SI श्री रामवीर सिंह पूनिया द्वारा की जा रही थी और इन दोनों मुकदमों में विवेचना भी श्री रामवीर सिंह पूनिया द्वारा संपादित की गई थीइस मुकदमे में लूट/डकैती की वारदात को अंजाम देने के आरोप थे तथा इस मामले में 7 साल से लेकर आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान कानून में है जांच अधिकारी ने न्यायालय में आरोप पत्र प्रेषित करते हुए अपने आरोपों को सही बताया न्यायालय ने इस वाद में सरकारी वकील के रूप में तेज तर्रार न्याय मित्र एडवोकेट अजय राठी को नियुक्त किया गया अधिवक्ता अजय राठी को यह मामला
 6/2/ 2025 को दिया गया इस मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने लगभग 25 दिन में 7 तारीक दी तेज तर्रार अधिवक्ता अजय राठी बताते हैं कि उन्होंने विधिक कुटिल चालों से श्री इंदु द्विवेदी की अदालत में उच्चतम न्यायालय एवं उच्च न्यायालय द्वारा दी गई नज़ीरो को पेश कर अपनी बहस को आगे बढ़ाया तीव्र बुद्धि के मालिक अधिवक्ता अजय राठी ने 17 बिंदुओं पर अपनी बहस को जारी रखा और कई तर्क दिए और बताया कि अभियुक्त ने ना तो लूट की योजना बनाई थी और नहीं उसके पास से किसी प्रकार की कोई बरामदगी हुई है पुलिस के द्वारा जो बरामदगी दिखाई गई है वह फर्जी व झूठी है अभियोजन की ओर से मात्र एक गवाह पेश किया गया वह साक्षी फादर का गवाह बताया गया परंतु उसकी साक्षी से अभियोजन कथानक साबित नहीं होता है अभियोजन की ओर से ना तो कोई स्वतंत्र साक्षी प्रस्तुत किया गया है और ना हीं इस संबंध में कोई साक्ष्य चार्जशीट व केस डायरी पर दाखिल है पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों से अभियुक्त के विरुद्ध कोई अपराध साबित नहीं होता है अतः अभियुक्त को संध्या का लाभ देते हुए दोष मुक्ति की अदालत से अपील की वहीं तेज तर्रार अधिवक्ता अजय राठी बताते हैं 25 दिन और 7 तारीखों को से यह बहस गुजरी है वही ADJ - 6 श्री इंदु द्विवेदी जी की अदालत ने अपना फैसला सुनाते हुए आदेश दिया *अभियुक्त रंजीत और विक्की के विरुद्ध लगाए गए आप अंतर्गत धारा 398 401, ipc, एवं आयुक्त अधिनियम 25/4, मैं दोष मुक्त किया जाता है अभियुक्त जिला कारागार में निरुद्ध है और उपयुक्त का रिहाई परवाना जिला कारागार गाजियाबाद को इस आदेश से प्रेषित हो कि वह किसी अन्य मामले में वांछित ना हो तो उसे तुरंत रिहा किया जाए* इस मामले की जानकारी पीड़ित पक्ष के परिवार को मिलते ही उनकी खुशी का ठिकाना ना रहा तेज तर्रार अधिवक्ता अजय राठी के चेंबर नंबर 718 पर आकर उन्होंने अपनी खुशी का इजहार करते हुए मिठाई खिलाई उनकी आंखों में खुशी के आंसू छलक रहे थे वहीं एडवोकेट अजय राठी ने उनको संभालते हुए कहा यह तो मेरा फर्ज है इसको निभाने के लिए मैं शिद्दत से मेहनत करता हूं और मैं मीडिया से अपील करता हूं की यदि ईश्वर मुझे ऐसे मौके देता रहेगा तो मैं यहां पर लोगों की मदद करता रहूंगा और मैं अपनी विधि सेवाओं से असहाय और गरीब लोगों की मदद करता रहूंगा।

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