Ghaziabad :- जिले में नया शिक्षा सत्र शुरू होते ही निजी स्कूलों की मनमानियों का खेल शुरू हो गया है निजी स्कूलों द्वारा जहा अभिभावकों से टीसी के नाम पर तीन महीने (अप्रैल ,मई , जून ) की फीस मांगी जा रही है वहीं नए सत्र में 15% से 25% तक फीस वृद्धि करने का खेल शुरू कर दिया है इतना ही नहीं प्रशासन के अनेकों आदेशों के बाद भी निजी स्कूलों द्वारा आरटीई के अंतर्गत चयनित बच्चो के अभिभावकों से 6 महीने की बैंक स्टेटमेंट,पैनकार्ड सहित अनावश्यक कागजात मांगकर स्कूल स्टाफ को घर भेजकर जांच कराई जा रही है क्योंकि जिला प्रशासन और शिक्षा अधिकारी अभिभावकों की पीड़ा से बेखबर है इसलिए अभिभावकों की पीड़ा के निराकरण और निजी स्कूलों की लगाम पर अंकुश लगाने के लिए आज गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन ने जिलाधिकारी की अनुपस्थिति में सिटी मजिस्ट्र संतोष उपाध्याय से मुलाकात कर 5 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन के माध्यम से बताया गया कि
1.गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन को फोन एवं मेल के माध्यम से अनेकों शिकायत प्राप्त हो रही है कि जो अभिभावक नए शिक्षा सत्र में अपने बच्चो का दाखिला किसी अन्य स्कूल में कराने के लिए TC मांग रहे है तो स्कूल अभिभावकों से तीन महीने ( अप्रैल ,मई,जून) की फीस देने पर ही TC जारी करने का दबाव डाल रहे है जबकि अभिभावक अपने बच्चो की पूरे वर्ष की फीस पहले ही जमा कर चुके है। अभिभावकों से टीसी के नाम पर तीन महीने की फीस मांगने का आदेश नियम के विरुद्ध है क्योंकि ऐसा कोई आदेश ना तो सीबीएसई, उत्तर प्रदेश सरकार , जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग द्वारा जारी किया गया है अतः अभिभावकों से टीसी के नाम पर मांगी जा रही तीन महीने की फीस पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने का आदेश जारी किया जाए
2 . नए शिक्षा सत्र में फीस अधिनियम 2018 के अनुसार जिले के शैक्षिक संस्थान 5 % + उपभोक्ता मूल्य सूचकांक ( CPI) अर्थात 8 % से
9% के मध्य ही फीस वृद्धि कर सकते है लेकिन उसके बाद भी निजी शैक्षिक संस्थान द्वारा नियम के विरुद्ध जाकर 15 % से 25 % तक की फीस वृद्धि की जा रही है फीस अधिनियम 2018 के नियम अनुसार बनी DFRC की मीटिंग सुनिश्चित कर नियम के विरुद्ध निजी स्कूलों द्वारा की जा रही फीस वृद्धि पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जानी सुनिश्चित की जाए
3.नया शिक्षा सत्र प्रारंभ हो चुका है इसलिए छात्र छात्राओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जिला स्कूल वाहन सुरक्षा समिति की मीटिंग के माध्यम से सभी स्कूल वाहनों की फिटनेस प्रमाण पत्र, वाहन का बीमा , चालक का लाइसेंस एवं वेरिफिकेशन , परमिट एवं बसों में सुरक्षा के तमाम मानकों की जांच सुनिश्चित की जाए और जो स्कूल वाहन बिना मानकों के नौनिहालों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ कर रहे है उनको तत्काल प्रभाव से जब्त किया जाए । साथ ही जिले के सभी विद्यालयों में विद्यालय वाहन सुरक्षा समिति का गठन सुनिश्चित किया जाए
4.निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 के अंतर्गत दुर्बल वर्ग एवं अलाभित समूह में चयनित बालक बालिकाओं के अभिभावकों से स्कूलों द्वारा नियम के विरुद्ध जाकर 6 महीने की बैंक स्टेटमेंट, पैनकार्ड , फार्म 26 A सहित अनेकों अनावश्यक कागजात की मांग की जा रही है , स्कूल स्टाफ को अभिभावकों के घर भेजकर जांच कराई जा रही है साथ ही चयनित बालक बालिकाओं के अभिभावकों से परीक्षा शुल्क , एवं अन्य सुविधाओं के नाम पर शुल्क की मांग की जा रही है जिस पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाया जाना अतिआवश्यक है
5.शिक्षा सत्र 2025/ 26 के लिए दिसंबर माह से शुरू हुई आरटीई के दाखिलों के चार चरणों की प्रक्रिया पूर्ण होने पर अभी भी जिले में 10, 000 से ज्यादा आरटीई की सीटे खाली रह गई है पांचों जोन के अंतर्गत आने वाले विद्यालयों में रिक्त आरटीई की सीटों का विवरण प्राप्त कर तत्काल प्रभाव से इन्हें भरने का आदेश जारी किया जाए जिससे कि जिले के ज्यादा से ज्यादा गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर अभिभावकों के बच्चो को शिक्षा का मौलिक अधिकार मिल सके
जिलाधिकारी की अनुपस्थिति मे सिटी मजिस्ट्र संतोष उपाध्याय ने सभी बिंदुओं पर विस्तृत रूप से चर्चा करते हुए जिले के स्कूलों के साथ मीटिंग कर सख्ती बरतने के लिए आश्वस्त किया है इस मौके पर राजू सैफी , विवेक त्यागी , प्रीति चौहान , धर्मेंद्र यादव , कौशलेंद्र सिंह आदि मौजूद रहे
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