Hot Posts

6/recent/ticker-posts

गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन ने आरटीई के बच्चो को शिक्षा का अधिकार दिलाने के लिए बीएसए को सौंपा ज्ञापन

जीपीए को बीएसए ने आरटीई के सभी बच्चों का दाखिला कराने के लिए किया आश्वस्त 

गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन द्वारा आरटीई के अंतर्गत चयनित 6306 बच्चो को शिक्षा का मौलिक अधिकार दिलाने और आरटीई के दाखिले नहीं लेने वाले स्कूलों पर सख्त कार्यवाई सुनिश्चित करने के लिए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से वार्ता कर आरटीई के अभिभावकों की पीड़ा से अवगत कराया गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन की अध्यक्ष सीमा त्यागी और सचिव अनिल सिंह ने बताया कि आज हमने सभी बिंदुओं से अवगत कराते हुए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को बताया कि 

1.जिले में 1206 स्कूलों में 19666 आरटीई की दुर्बल वर्ग एवं अलाभित समूह की सीटों के सापेक्ष दिसंबर  
से मार्च माह तक चली चार चरणों की प्रक्रिया के तहत 6306 बालक बालिकाओं का चयन हुआ है जिसके बाद भी जिले में 13360 से ज्यादा सीटे रिक्त रह गई है जिन पर तत्काल प्रभाव से आर्थिक रूप से कमजोर और गरीब अभिभावकों के बच्चो का आवेदन कराया जाए जिससे कि जिले के ज्यादा से ज्यादा बच्चों को शिक्षा का मौलिक अधिकार मिल सके 

जिले में आरटीई के कुल स्कूल 1206 
जिले में आरटीई की कुल सीटे 
19666 
चार चरणों में आवंटित सीटे चरण आवंटित सीटे 
पहला चरण 3035
दूसरा चरण 1743
तीसरा चरण 984
चौथा चरण 544
कुल चयनित 6306
कुल सीटे 19666
रिक्त बची सीट 13360

2.दिसंबर माह से प्रारंभ हुई चार चरणों की प्रक्रिया के दौरान दुर्बल वर्ग एवं अलाभित समूह के अंतर्गत चयनित 6306 बालक बालिकाओं को निजी स्कूलों द्वारा दाखिला नहीं दिया गया है पूर्व वर्षों की तरह जब इस वर्ष भी अभिभावक अपने बच्चो का दाखिला स्कूल कराने के लिए स्कूल जा रहे है तो कुछ स्कूलों का कहना है कि उनके यहां जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय से सूची नहीं आई है, कुछ स्कूल कहते हैं कि उनके यहां सीटे फूल हो गई है एवं अनेकों स्कूलों द्वारा अभिभावकों को शोषण करने के लिए बैंक स्टेटमेंट, फार्म 26 A सहित अनावश्यक कागजात मांग कर आरटीई अधिनियम के नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है जिसकी शिकायत अभिभावकों द्वारा बीएसए कार्यालय में की गई लेकिन अभी तक ऐसे स्कूलों पर कोई कार्यवाई सुनिश्चित नहीं की गई है अतः गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन आपसे निवेदन करती है कि शिकायत का तत्काल संज्ञान लेते हुए सभी चयनित बच्चो का दाखिला सुनिश्चित किया जाए और स्कूलों द्वारा अनावश्यक कागजात मांगने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाए एवं आरटीई अधिनियम का उल्लंघन करने वाले स्कूलों पर सख्त कार्यवाई सुनिश्चित की जाए ।

3.जिले के निजी स्कूलों द्वारा आरटीई अधिनियम 2009 का उल्लंघन करते हुए दुर्बल वर्ग एवं अलाभित समूह के अंतर्गत चयनित बालक बालिकाओं के घर स्कूल स्टाफ को भेजकर जांच एवं वेरिफिकेशन कराई जा रही है जिस पर जिले के सभी स्कूलों को सख्त निर्देश जारी कर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जानी अतिआवश्यक है जिससे कि आरटीई के अंतर्गत चयनित किसी भी गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर अभिभावकों के बच्चो के निजता का अधिकारो का हनन निजी स्कूलों द्वारा न किया जा सके 

4.जिले में लगभग 1750 से ज्यादा निजी स्कूलों का संचालन हो रहा है जबकि आरटीई के दायरे में अभी केवल 1206 स्कूल ही आए हैं जबकि पूर्व वर्ष में ये स्कूल केवल 552 दर्शाए जा रहे थे इस वर्ष जब स्कूलों की मैपिंग की गई तो 654 स्कूलों को और जोड़ा गया अब स्कूलों की यह संख्या 1206 पहुंच गई है जिले में अभी भी 500 से ज्यादा स्कूल बंद दिखाए गए हैं जबकि इनमें से अधिकतर स्कूलों का भौतिक रूप से संचालन हो रहा है अगर इनकी ठीक प्रकार जांच की जाए तो आरटीई के अंतर्गत स्कूलों की संख्या 1500 तक पहुंच सकती है और इनमें 50,000 से ज्यादा आरटीई की सीटों का सर्जन किया जा सकता है जो वर्तमान में 19666 है 

5.अगले वर्ष शिक्षा सत्र 2026/27 के लिए जिले के सभी जोन के अंतर्गत आने वाले स्कूलों में सीटों की मैपिंग ठीक प्रकार सुनिश्चित की जाए जिससे कि स्कूलों में आरटीई की सीटों की संख्या बढ़ सके और कोई भी स्कूल सीटे फूल होने का बहाना न बना सके 

गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने आश्वस्त किया है कि आरटीई के अंतर्गत चयनित आर्थिक रूप से कमजोर और गरीब अभिभावकों के बालक बालिकाओं की शिक्षा के मौलिक अधिकारों के हितों की रक्षा करने के लिए सभी बिंदुओं का संज्ञान लेकर प्रभावी कदम उठाए जाएंगे और आरटीई अधिनियम 2009 का उल्लंघन कर बच्चो को शिक्षा के मौलिक अधिकार से वंचित करने वाले स्कूलों पर सख्त कार्यवाई सुनिश्चित की जाएगी इस मौके पर सीमा त्यागी, अनिल सिंह, धर्मेंद्र यादव, विवेक त्यागी, मनीष कुमार , नवीन , राहुल कुमार , मीनू, ज्योति , राजकुमार , आदि अनेकों आरटीई के अभिभावक मौजूद रहे




एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ