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आईटीएस डेंटल कॉलेज में तीसरे एडवांस फेशियल एस्थेटिक्स कोर्स के छठे मॉड्यूल का आयोजन

Ghaziabad :- आईटीएस डेंटल कॉलेज, गाजियाबाद के पेरियोडोन्टोलॉजी विभाग द्वारा दिनांक 8 से 10 अप्रैल, 2025 को तीसरे एडवांस फेशियल एस्थेटिक्स कोर्स के छठे मॉड्यूल का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में 40 प्रतिभागियों ने भाग लिया जिनमें निजी दंत चिकित्सक, कॉलेज के पूर्व छात्र, संस्थान के दंत चिकित्सक, एमडीएस के विद्यार्थी और कॉलेज के अध्यापक शामिल थे। यह कोर्स डेंटोमैक्स इंटरनेशनल एकेडमी और प्रोफी विश्वविद्यालय, उज्बेकिस्तान के सहयोग से आयोजित किया गया था।

यह कार्यक्रम आईटीएस-द एजुकेशन ग्रुप के वाईस चेयरमैन, श्री अर्पित चड्ढा के सहयोग से आयोजित किया गया जिसका उद्देश्य मरीजों के बीच चेहरे के सौन्दर्य चिकित्सा के बारे में जागरूकता बढ़ाना तथा चेहरे के सौन्दर्य में वृद्धि की मांग करने वाले रोगियों की प्राथमिक वैकल्पिक लक्ष्यों को प्राप्त करना एवं रोगी को समग्र उपचार प्रदान करना है।  
इस पाठ्यक्रम के गेस्ट स्पीकर डॉ आशीष कुमार सिंह एवं डॉ गौरव तिवारी थे, दोनों वक्ता फेशियल एस्थेटिक्स  चिकित्सक के साथ-साथ अर्न्तरष्ट्रीय वक्ता भी है, जिन्होंने फेशियल एस्थेटिक्स  पर इस तरह की अनेकों कार्यशालायें की है। कार्यक्रम के दौरान डॉ आशीष एवं उनकी टीम ने कॉस्मेटिक डेन्टिस्ट्री के अन्तर्गत चेहरे की सुदंरता को ज्यादा बढाने के लिए विभिन्न विकल्पों के बारे में सभी प्रतिभागियों को समझाया। इस पाठ्यक्रम का उद्देष्य प्रतिभागियों को बोटॉक्स एवं डर्मल फिलर्स द्वारा त्वचा को युवा सौन्दर्य प्रदान करना, लेज़र द्वारा बालों को कम करना, कैमिकल पील्स और अन्य फेशियल एस्थेटिक्स उपचार को सफलतापूर्वक एकीकृत करने के लिये तैयार करना है। कार्यक्रम के पहले दिन प्रतिभागियों को बोटॉक्स के उपचार के बारे में विस्तृत चर्चा की गयी जिसमें एटियोलॉजी, निदान और लेज़र थेरेपी, केमिकल पील्स और सर्जिकल बर अब्रेषन सहित विभिन्न उपचार विकल्पों पर ध्यान केन्द्रित किया गया। इसके साथ ही समय के साथ चेहरे के निशान को कम करने में विभिन्न सामयिक क्रीम और सिलिकॉन जैल के उपयोग और उनकी प्रभावशीलता पर प्रकाश डालने के लिए का विस्तृत सत्र भी आयोजित किया गया।  

कार्यक्रम के दूसरे दिन गम्मी स्माइल होठों को ठीक करने की प्रक्रियाओं के बारे में बताया गया। इसमें एक सुंदर मुस्कान के लिए मसूड़ों को अधिक कवर करने के लिए ऊपरी होंठ की स्थिति को समायोजित करने जैसे उपचार के तरीके शामिल थे। इसके साथ ही होंठों को ठीक करने की सर्जरी को अधिक संतुलित रूप देने के लिए होंठो के आकार या मात्रा को कम करने के उद्देश्य से सिखाया गया। तीसरे दिन कान के लोब को ठीक करने के बारे में बताया गया, जिसमें फटे, फैले हुए या विभाजित कान के लोब को ठीक करने के लिए एक छोटी शल्य चिकित्सा प्रक्रिया शामिल थी। इस प्रक्रिया में स्थानीय एनेस्थीसिया के तहत कान के लोब को सावधानीपूर्वक सिलना भी शामिल था।  

डॉ आशीष ने एमडीएस के विद्यार्थियों और अन्य दंत चिकित्सकों के लिये इस तरह के ज्ञानवर्धक मंच के आयोजन के लिये संस्थान को धन्यवाद दिया।  

इस कार्यक्रम के माध्यम से सभी प्रतिभागियों को सर्वश्रेष्ठ फेशियल एस्थेटिक्स उपचार के बारे में ज्ञान प्राप्त हुआ जिसके लिये सभी ने आईटीएस-द एजुकेशन ग्रुप के चेयरमैन डॉ आरपी चड्ढा तथा वाईस चेयरमैन श्री अर्पित चड्ढा को धन्यवाद दिया।

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