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देश को झकझोर करने वाला हमला: पहलगाम:- सिकंदर यादव

Ghaziabad :- तीन दशकों में कश्मीर में बहुत आतंकवादी घटनाएं हुई लेकिन कल पहलगाम में हुआ हमला कश्मीर रक्त रंजित इतिहास में पहली बार हुआ है, क्योंकि अब तक जितने बार भी घटनाएं हुई वो या तो कश्मीरी पंडितों पर हुई या सुरक्षा बलों पर आम नागरिक या पर्यटकों पर पहली बार इतना बड़ा हमला कश्मीर के इतिहास में हुआ है. जिसने पूरे देश को झकझोर दिया है या यूं कहिए सबके मन में भय पैदा कर दिया है. आज भारत का नागरिक ये सोच रहा है कि आखिर उसकी जान की रक्षा कौन करेगा, हमारे सुरक्षाबल या सरकार, आखिर इतना बड़ा हमला हो कैसे गया, पिछली बार जो पुलवामा हमला हुआ तो सरकार ने सर्जिकल करके ये विश्वास दिलाया था कि पाकिस्तान को सबक मिल गया और लोगों को ऐसा लगा कि भविष्य में पाकिस्तान या उसके समर्थित आतंकवादियों की हिम्मत अगली बार नहीं होगी। धारा 370 हटाने के बाद सरकार ने बड़े-बड़े वादे किए कि कश्मीर से आतंकवाद समाप्त हो गया इसी पर विश्वास करके भारतीय लोग बड़ी संख्या में घाटी में जाने लगे, अपने परिवार के साथ. सरकार की तरफ से बड़े-बड़े विज्ञापन दिए गए कि कश्मीर आयें। अंतरराष्ट्रीय डेलिगेशन को भी कश्मीर भेजा गया, आखिर इस हमले की जिम्मेदारी, देश के नागरिकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी किसकी है, सरकार की, सुरक्षा बलों की या राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की. आखिर किसी की तो जिम्मेदारी होगी इस घटना की, इस सरकार की फैलियर माने या खुफिया एजेंसी की या वहां समय पर नहीं पहुंचे सुरक्षा बलों की, मीडिया रिपोर्ट के अनुसार आतंकवादी लगभग 40 मिनट तक वही रहे और उन्होंने अपने कपड़ों में लाइव कमरे तक लगा रखे थे, आखिर इतनी हिम्मत बिना किसी आंतरिक सहयोग के कैसे हो सकती है. पाकिस्तान की इतनी हिम्मत कैसे हो सकती है कि वो भारत के निर्दोष नागरिकों को उनके बच्चों के सामने मारकर चला जाए, क्या भारत का कोई खौफ उन लोगों को नहीं है
जबकि पूरे कश्मीर में चप्पे-चप्पे पर हमारे जवान मौजूद हैं फिर 40 मिनट तक हमारे सुरक्षा बल वहां पर क्यों नहीं पहुंचे, आतंकियों का दुस्साहस देखिए उन्होंने पुरुष व महिलाओं को अलग-अलग किया, कलमा पढ़ने को कहा फिर गोली मार दी, साथ में महिलाओं से कहा जाकर मोदी को बता देना, क्या यही भारत की साख है उसके नागरिकों के उसी के देश में कैमरे के सामने मार दिया जाता है आज दुनिया भर में आधुनिक संचार के साधन है क्यों नहीं हम उनकी कॉल रिकॉर्डिंग कर सके, हमारी सैटेलाइट व खोजी सिस्टम क्यों नहीं उनको खोज पा रहे, हमारी इंटेलिजेंस कहां सो रही है, इन सब बातों का जवाब आज सारा देश जानना चाह रहा, उन्होंने भारत के निर्दोष नागरिकों को ही नहीं मारा बल्कि पूरे देश की संप्रभुता पर हमला किया है, इस बार देश जवाब मांग रहा है कहीं पुलवामा की तरह यह भी एक घटना बनकर करना रह जाए.

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